उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी। इसके तहत भारत रावी, सतलज और ब्यास नदियों के पानी पर दावा करता है। संसद के निचले सदन में नोटिस पेश करने वाले जरताज गुल ने तरार पर प्रहार करते हुए कहा कि आज कानून मंत्री ने रावी नदी पर भारत का अधिकार स्वीकार कर लिया है, जो खेदजनक है। इस पर कानून मंत्री ने कहा कि कानूनी मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। जो सच है, वह बताया जा रहा है।