रशीद की माली हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सालभर पैसा जमा करने के बाद उसने अपनी बेटी के लिए 300 रुपये में घिसी हुई टायर वाली एक साइकिल खरीदी है। इसके अलावा वह बैंक के इस खाते का भी इस्तेमाल नहीं करता था क्योंकि वह जितना भी कमाता था उससे सिर्फ रोजमर्रा की जरूरतें पूरी की जा सकती थीं।
रशीद को खाते में इतना पैसा होने का अंदाजा भी नहीं था लेकिन जब संघीय जांच एजेंसी से फोन आया और उन्होंने खाते में तीन अरब रुपये होने की बात बताई तो रसीद के पैरों तले जमीन खिसक गई।
पहले तो उसने सोचा की वो भाग जाएगा और इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताएगा, लेकिन दोस्तों और परिवार के सदस्यों के समझाने बुझाने पर वह अधिकारियों के साथ सहयोग करने को तैयार हो गया।
रसीद का यह कोई पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। कुछ दिन पहले भी एक ऐसी खबर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से सामने आई थी जहां एक जज के नाम पर 2200 से अधिक गाड़ियां दर्ज हैं लेकिन उनसे अपने पूरे जीवन में सिर्फ एक कार खरीदी है।
दरअसल, इस तरह की घटनाओं में ऐसे लोगों को निशाना बनाया जाता है, जिन पर जल्दी कोई शक न करे। ऐसा ही रसीद के साथ किया जा रहा था। उसके खाते में यह राशि आई थी फिर इसे देश के बाहर किसी और के खाते में भेज दिया जाता। इस तरह करोड़ों डॉलर देश से बाहर चले जाते हैं और इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
फिलहाल जांच एजेंसियों ने रशीद को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया है लेकिन उसकी बेचैनी बरकरार है। उसने रिक्शा चलाना भी बंद कर रखा है, उसे डर है कि वह फिर किसी जांच एजेंसी के निशाने पर न आ जाए। रशीद ने बताया कि तनाव के चलते उनकी पत्नी बीमार पड़ गई है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान ने धन शोधन की गतिविधियों पर रोक लगाने का संकल्प लिया है। इसी क्रम में देशभर में जांच एजेंसियां सक्रिय हैं।