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अजब गजब

पिछले 3 महीनों में उत्तराखंड के 132 गांवों में नहीं हुआ एक भी लड़की का जन्म, क्या हो रही है कन्या भ्रूण हत्या?

सरकार जो दे रही है ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजा पर
ये मामला हर किसी को हैरान कर रहा है

Jul 22, 2019 / 11:16 am

Prakash Chand Joshi

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नई दिल्ली: आज के दौर में बेटियों को बेटों से कम नहीं आंका जाता। लगभग हर क्षेत्र में लड़कियां ( girl ) लड़कों की बराबरी ही नहीं बल्कि, उनसे बेहतर कर रही हैं। भारत सरकार ( Government of India ) से लेकर राज्य सरकारें भी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाओं को बढ़ावा दे रही हैं। लेकिन उत्तराखंड ( Uttarakhand ) से बेटियों के जन्म को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, वो बेहद हैरान करने वाले हैं। चलिए आपको बताते हैं क्या है मामला।

 

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एक भी लड़की नहीं हुई पैदा

दरअसल, उत्तराखंड के उत्तरकाशी ( Uttarkashi ) जिले के 132 गांवों के जन्म का आंकड़ा सामने आया है। इसमें पता चलता है कि पिछले तीन महीनों में यहां एक भी लड़की नहीं जन्मी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन महीनों में यहां के जिले के 132 गांवों में कुल 216 बच्चों का जन्म हुआ। लेकिन जो बात हैरान करती है वो ये कि इन 216 बच्चों में से एक भी लड़की नहीं है। ऐसे में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ( Trivendra Singh Rawat ) के लिए ये हैरान करने वाली बात है। यही नहीं प्रशासन खुद इस बात को जानकर हैरान है कि आखिर ये हो कैसे रहा है। माना ये भी जा रहा है कि ये सीधे तौर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ( beti bachao beti padhao ) योजना में सेंध है।

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कन्या भ्रूण हत्या हो रही है?

इस घटना के बाद प्रशासन सकते में है। जिला मजिस्ट्रेट डॉ. आशीष चौहान ने कहा, ‘हमने ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है, जहां बेटियों की संख्या शून्य है या काफी कम है। हम इन क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके। इसके पीछे के कारण की पहचान करने के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण और अध्ययन किया जाएगा।’ यही नहीं आशीष चौहान ने आशा कार्यकर्ताओं के साथ एक आपात बैठक भी की और उनसे इन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने और डेटा पर एक रिपोर्ट देने को भी कहा है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता कल्पना ठाकुर ने आरोप लगाया कि शून्य बालिका जन्म ने स्पष्ट रूप से कन्या भ्रूण हत्या की व्यापकता का संकेत दिया है। इन गांवों में 3 महीने तक कोई भी लड़की पैदा नहीं हुई। ये सिर्फ एक संयोग नहीं हो सकता। ये स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि जिले में कन्या भ्रूण हत्या हो रही है, जिस पर सरकार और प्रशासन कुछ नहीं कर रहे हैं।

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