गैलरियों में भर्ती महिलाओं ने बताया कि एक पलंग पर अपने शिशुओं के साथ दो-दो महिलाएं होने से वे आराम नहीं कर पा रही। गैलरियों में मच्छरों के कारण रात भर सो नहीं पा रहे। ग्राम लोहदर निवासी मरीज के परिजन ने बताया कि चार दिन हो गए। उनका मरीज ठीक है। घर जाना चाहते हैं लेकिन अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जा रही।
इन हालातों पर अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि मरीज पहले से दोगुने हो गए। हॉल एवं कक्ष के पलंग में मरीज पहले से भर्ती रहने एवं अधिक संख्या में नए मरीजों के आने से गैलरी में पलंग लगाने की नौबत बन रही। कर्मचारियों के मुताबिक इस वार्ड में करीब 75 पलंग है और महिलाओं की संख्या करीब 100 है। हर दिन औसतन 40 मरीज इस वार्ड में भर्ती हो रहे।
जिला अस्पताल में तीन माह पहले इस वार्ड में जिला अस्पताल के 9 डॉक्टर पदस्थ थे। 3 महिला डॉक्टर आगामी शिक्षा के लिए बाहर चली गईं व एक संविदा महिला चिकित्सक ने नौकरी छोड़ दी। इससे अब सिर्फ पांच डॉक्टर ही हैं। अस्पताल कर्मचारियों के मुताबिक जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज के भी डॉक्टर है, लेकिन उनका पर्याप्त उपयोग नहीं हो पा रहा। करीब 13 स्त्री रोग विशेषज्ञ मेडिकल कॉलेज के हैं, जिनसे इस वार्ड में सप्ताह में दो दिन ही सेवाएं ली जा रही।
-डॉ. संजय खरे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल