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वाराणसी

काशी के ग्रामीण विकास के हमसफर दो युवा IAS अफसरों का तबादला

दोनों ने दिन रात एक कर काफी कुछ बदल दिया था गांवों का नक्शा, महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय रहीं ये महिला अफसर।

वाराणसीApr 18, 2018 / 03:43 pm

Ajay Chaturvedi

ईशा दुहन

ईशा दुहन

वाराणसी. काशी के ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाने वाले दो युवा आईएएस अफसरों का शासन ने तबादला कर दिया है। इन दोनों ने अपनी दूरदृष्टि के चलते ग्रामीण इलाकों में काफी लोकप्रियता हासिल कर रखी थी। इसमें एक महिला अफसर भी हैं जिन्हें गांव गिरांव की महिलाएं अपना खास मानती रहीं। हर मुश्किल से मुश्किल काम को बड़ी आसानी से हंसते-हंसते दूर करने वाले इन अफसरों की खास पहचान बन गई थी। इसमें एक सितंबर 2017 में चर्चा में आई थीं जब काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छात्राएं छेड़खानी के मुद्दे पर मुख्य द्वार पर धरना दे रही थीं। तब उन्होंने छात्राओं के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। वहीं राजातालाब की एसडीएम रहते हुए उन्होंने क्षेत्रीय विकास का जो खाका खींचा वह भी लंबे समय तक याद किया जाता रहेगा।
बता दें कि शासन ने मंगलवार को सूबे के जिन 28 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है उसमें बनारस के मुख्य विकास अधिकारी सुनील कुमार वर्मा और राजातालाब की एसडीएम ईशा दुहन भी शामिल हैं। 2015 बैच की युवा आईएएस ईशा हों या 2013 बैच के आईएएस सुनील वर्मा दोनों युवा अधिकारियों ने नई काशी के निर्माण में काफी अहम भूमिका निभाई है। वर्मा ने न सिर्फ वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में स्‍वच्‍छ भारत अभियान को गति दी, बल्‍कि जिले के ज्‍यादातर भू-भाग को खुले में शौच से मुक्‍ति दिलाने के लिये रात-दिन मेहनत की।
आईएएस सुनील कुमार वर्मा और ज्‍वाइंट मजिस्‍ट्रेट ईशा दुहन, जिले में तैनात अन्‍य युवा आईएएस अफसरों और शहर के इनोवेटिव युवाओं के साथ मिलकर भविष्‍य की काशी का शुरुआती खाका खींचने वाली टीम का अहम हिस्‍सा रहे हैं। वाराणसी शहर के सुंदरीकरण से जुड़ी कई परियोजनाएं हों, ग्रामीण बनारस में विभिन्‍न कल्‍याणकारी योजनाओं में नये-नये तरीके ढूंढने हों, तकनीकि का बेहतर प्रयोग करना हो या फिर जिले के नवोन्‍मेषी युवाओं को अपने साथ जोड़ना रहा हो, ये अफसर पूरे जोश के साथ इस आदि नगरी के विकास को गति देने में जुटे रहे। स्‍वच्‍छता अभियान जैसी महत्‍वाकांक्षी मुहिम, जिसपर सीधे प्रधानमंत्री तक की नजर है, को भी आईएएस सुनील कुमार वर्मा और ईशा दुहन ने बिल्‍कुल युवा स्‍टाइल में हैंडल किया है।
2015 में भारत की सबसे प्रतिष्‍ठित आईएएस परीक्षा में 59वां रैंक हासिल करने वाली ईशा दुहन मूल रूप से हरियाणा के पंचकूला की निवासी हैं। बॉयो टेक्‍नॉलॉजी में ग्रेजुएट IAS ईशा दुहन अपने पापा ईश्‍वर सिंह दुहन से काफी प्रभावित हैं। ईश्‍वर सिंह दुहन आईटीबीपी में डीआईजी पद पर रहते हुए देश की सीमा की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी संभालते थे। आईएएस ईशा दुहन से बनारस के आम शहरी भले ही पूरी तरह वाकिफ ना हों लेकिन राजातलाब इलाके में लोग इन्‍हें लेडी सिंघम के नाम से ही जानते है। सिर्फ एक लाठी लेकर, बिना किसी पुलिस फोर्स के अकेले खनन माफियाओं से लोहा लेने वाली ईशा दुहन ना सिर्फ एक तेज-तर्रार आईएएस अफसर हैं, बल्‍कि वाराणसी जिला प्रशासन की ये युवा सदस्‍य भविष्‍य की काशी के निर्माण संबंधी योजनाओं में अहम भूमिका निभा चुकी हैं। बनारस के लोग, खासकर राजातलाब तहसील और गंगापुर नगर पंचायत की ग्रामीण महिलाओं के बीच ईशा दुहन का जबरदस्‍त क्रेज़ है। चंडीगढ़ जैसे शहर में पली बढ़ी ईशा दुहन ने अपने ननिहाल के ग्रामीण परिवेश और वहां गांव की अन्‍य महिलाओं व लोगों की स्‍थिति देखकर ही सिविल सर्विसेज़ में आने का मन बनाया था। अफसर बनने के बाद बनारस में ज्‍वाइंट मजिस्‍ट्रेट पर तैनाती मिली और 2014 में अस्‍तित्‍व में आयी राजातलाब तहसील की जिम्‍मेदारी उन्‍हें सौंपी गयी। ग्रामीण महिलाओं को प्रधानमंत्री के स्‍वच्‍छता अभियान से जोड़ने वाली ईशा दुहन, इस इलाके के आम जन-मानस के बीच काफी चहेती हैं। सबसे होनहार युवा अफसर को सबसे कठिन कार्यों की जिम्‍मेदारी वाला ‘मोदीमंत्र’ इस लेडी अफसर पर भी लागू हुआ है। इन्‍हें अब पश्‍चिमी उत्‍तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले का मुख्‍य विकास अधिकारी (सीडीओ) बनाया गया है।
सुनील कुमार वर्मा प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ई-गवर्नेंस को लेकर काफी एक्‍टिव रहे। जिले के सभी आठों ब्‍लॉक और तीन तहसीलों से वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीयकृत करने वाले इस युवा आईएएस अफसर ने कई बार चुनौती भरे वक्‍त में पूरे जिले के मजिस्‍ट्रेट की जिम्‍मेदारी भी बखूबी संभाली है। हाल में पद्मावती फिल्‍म रिलीज के वक्‍त कार्यवाहक जिलाधिकारी के रूप में सुनील कुमार वर्मा ने शहर में शांति व्‍यवस्‍था कायम रखते हुए प्रशासनिक गुणों का परिचय दिया था। यही नहीं अनवरत चलने वाले वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान डीएम योगेश्‍वर राम मिश्र के सबसे भरोसेमंद युवा सहयोगी आईएएस सुनील कुमार वर्मा, जिले में कई बड़े आयोजनों को बखूबी अंजाम तक पहुंचा चुके हैं। इसमें यूपी दिवस, दो विदेशी राष्‍ट्राध्‍यक्ष, भारत के राष्‍ट्रपति सहित प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी व मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के बनारस में कार्यक्रमों को सकुशल संपन्‍न कराने वाला ये आईएएस अफसर जिले के अन्‍य इनोवेटिव युवाओं को काफी प्रभावित करता रहा है। काशी विद्यापीठ ब्‍लॉक को पूर्णत: खुले में से शौच मुक्‍ति दिलाने वाले इस होनहार अफसर को शासन की ओर से अब सोनभद्र जैसे सुदूरवर्ती व चुनौतीपूर्ण जिले की जिम्‍मेदारी सौंपी गयी है।
अब तक बहराइच में ज्‍वाइंट मजिस्‍ट्रेट पद पर तैनात युवा आईएएस अफसर गौरांग राठी को बनारस का नया मुख्‍य विकास अधिकारी बनाया गया है। 2013 बैच के आईएएस अफसर गौरांग राठी की ये दूसरी महत्‍वपूर्ण तैनाती है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में विकास योजनाओं के मुख्‍य अधिकारी (मुख्‍य विकास अधिकारी) बनाये गए गौरांग राठी आईआईटी कानपुर के छात्र रहे हैं। मध्‍यमवर्गीय परिवार में पले बढ़े गौरांग राठी काफी नवोन्‍मेषी (इनोवेटिव) हैं।
सुनील वर्मा
जी राठी

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