यह भी पढ़े:-जानिए पांच कारण, जिससे सीएम योगी बीजेपी में हुए कमजोर, विरोधियों की बढ़ी ताकत
राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह ने वर्ष 204 में सपा के टिकट पर प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद वर्ष 2009 में राजकुमारी रत्ना सिंह ने अक्षय प्रताप को चुनाव हरा कर सीट पर अपना कब्जा किया था। राज्यसभा चुनाव 2018 के बाद मायावती के बयान देने के बाद से अखिलेश यादव व राजा भैया के बीच की दूरी बढ़ गयी है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार अक्षय प्रताप सिंह चुनाव लड़ते हैं तो सपा से उन्हें टिकट नहीं मिलेगा। राजकुमारी रत्ना सिंह पर सपा-बसपा गठबंधन दांव खेल सकता है ऐसे में अक्षय प्रताप सिंह को इस सीट से चुनाव लडऩा होगा तो बीजेपी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट देकर राजा भैया इस समय सीएम योगी के खास बन गये हैं इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि सीएम योगी खुद ही राजा भैया के चचेरे भाई अक्षयत प्रताप सिंह (गोपाल जी) को बीजेपी का प्रत्याशी बनाने में मदद कर सकते हैं।
यह भी पढ़े:-विपक्ष की नयी रणनीति से बीजेपी हुई परेशान, अखिलेश यादव ने बताया था कारण
राजा भैया व राजकुमारी रत्ना सिंह के बीच की राजनीतिक लड़ाई वर्षों से चल रही है। राजा भैया व राजकुमारी रत्ना सिंह दोनों ही राजघराने की है इसलिए जनता को उन्हें भरपूर समर्थन मिलता है। राजा भैया का परिवार भदरी घराने से आता है जबकि राजकुमारी रत्ना सिंह कलाकांकर राजघराने की है। एक बार राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह ने राजकुमारी रत्ना सिंह को चुनाव हराया था तो राजकुमारी रत्ना सिंह भी अक्षय प्रताप को चुनाव हरा कर अपना बदला ले चुकी हैं।
यह भी पढ़े:-इस चुनाव में भी सपा व बसपा पर भारी पड़ सकते हैं यह बाहुबली, बीजेपी की राह होगी आसान
लोकसभा चुनाव 2019 में प्रतापगढ़ की सीट अपना दल को ही मिलती है तो बीजेपी से लगाव के चलते क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया को अपना दल के प्रत्याशी का समर्थन करना होगा। ऐसी स्थिति तब बन सकती है जबकि अक्षय प्रताप सिंह को टिकट न मिले। या फिर वह चुनाव लडऩे से इंकार कर दे। राजा भैया की बीजेपी से बढ़ती नजदीकी के चलते अक्षय प्रताप सिंह भी भगवा दल के टिकट से चुनाव लडऩा चाहेंगे। ऐसे में राजा भैया को ही टिकट दिलाने की सारी व्यवस्था करना होगी। बीजेपी ने राजा भैया के भाई को प्रत्याशी बनाया तो अपना दल को कही और की सीट देनी होगी। फिलहाल लोकसभा चुनाव २०१९ में राजा भैया व बीजेपी के रिश्तों की भी बड़ी परीक्षा होगी। अब देखना है कि इस चुनाव में कौन-कौन प्रत्याशी आमने-सामने होंगे।
यह भी पढ़े:-अक्षय तृतीया के दिन शनि देव होंगे वक्री, इन राशियों के लोगों को हो सकता नुकसान