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राजा भैया व बीजेपी की नजदीकी किसे से छिपी नहीं है। प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर अनुप्रिया पटेल के सांसद है जिनका अपना दल से संबंध खराब चल रहा है। राज्यसभा चुनाव के बाद राजा भैया व अखिलेश यादव के रिश्ते भी अच्छे नहीं रह गये हैं। मायावती से उनकी पुरानी राजनीतिक अदावत है। राजा भैया के भाई अक्षय प्रताप सिंह संसदीय चुनाव लड़ते हैं। पहले वह सपा से प्रत्याशी बनाये जाते थे लेकिन महागठबंधन होने पर सपा से टिकट मिलना मुश्किल हो गया है। राजा भैया के पास बीजेपी व शिवपाल यादव की पार्टी ही विकल्प बचती है। एससी/एसटी एक्ट के बाद सवर्णों ने जिस तरह से बीजेपी का विरोध शुरू किया है उससे राजा भैया की भी मुश्किले बढ़ सकती है। अब राजा भैया के पास शिवपाल यादव की ही पार्टी बचती है जहां से वह अपने भाई को चुनाव लड़ा सकते हैं।
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