बता दें कि बीजेपी ने पीएम के इस दौरे को लेकर काफी कुछ उसी तरह से तैयारी की है जैसा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले हुआ थ। यहां यह भी बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले भी जब नरेंद्र मोदी बनारस दौरे पर आए थे तो उनकी पहली रैली गांव में ही हुई थी और वह भी बनारस के अलवा आस-पास के जिलों की सीमा को छूती हुई थी। पाठकों को यह भी अच्छी तरह से स्मरण होगा कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जब पीएम नरेंद्र मोदी तीन दिनों तक बनारस में रुके थे तब भी उनकी अतिम सभा पिंडरा विधानसभा क्षेत्र में हुई थी। इस बार यानी सोमवार 12 नवंबर की पीएम की जनसभा के लिए जो स्थल चुना गया है वह यूं ही नहीं है। इसके पीछे बड़ी कूटनीतिक चाल है। हरहुआ के वाजिदपुर से सटे ही बनारस के अलवा मछली शहर, चंदौली और मिर्जापुर की संसदीय सीट जुड़ी है। यानी एक सभा से वह चार जिलों में चुनावी कैंपने को कूटनीतिक दिशा देंगे।
ऐसा नहीं कि केवल सभा स्थल ही रणनीति का हिस्सा है। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी की सभा के लिए वाराणसी को केंद्र मानते हुए बनारस को वार रूम के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है, ठीक 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह। ठीक 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव की तरह। एक बड़ा परिवर्तन यह है कि इस जनसंघ के जमाने से जुड़े भाजपा नेता हों या एक मिस्ड कॉल से पार्टी से जुड़ने वाले कार्यकर्ता हों सभी एकजुट हो कर पीएम की सभी को ऐतिहासिक बनाने में जुट गए है। ऐसा नहीं कि पार्टी में गुटबाजी नहीं है, लेकिन पूरी कोशिश है कि आपसी मनमुटाव को बाद में सलट लिया जाएगा लेकिन इस बार हर कोई अपने-अपने स्तर से जी तोड़ मेहनत कर रहा है। इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
भाजपा कार्यकर्ताओं की गतिविधियों से राजनीतिक विश्लेषक भी चकित हैं। गांव से लेकर शहर के कोने-कोने से भाजपाजनों के लिए मानों करो या मरो की घड़ी आ गई है। इसी सोच के साथ वे पीएम की सभा की सफलता के लिए जुट गए हैं। यहां यह भी बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए अब तक सिर्फ भाजपा ही है जो तैयारी के लिहाज से सबसे आगे। चाहे वह संगठन हो या सरकार से जुड़े लोग। सभी को बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां दे दी गई हैं। ऐसे में वो सारे पदाधिकारी, मंत्री, कार्यकर्ता सभी ने जान लगा दी है। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले भले ही पीएम दोबारा या तिबारा या और कई दफा आएं पर संभावना यह व्यक्त की जा रही है कि इस बार वह अपने विपक्षियों को काशी से बडा मैसेज दे जाएंगे। तभी अरबों रुपये की योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन का प्रोग्राम रखा गया है।
यू तो पीएम के अब तक सभी 14 दौरों पर बीजेपी की ओर कोई कोरकसर नहीं रख छोड़ी गई थी। हर बार नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरी जान लड़ा कर पीएम की सभा को सफल बनाया। लेकिन इस बार के दौरे की तैयारी को लेकर पार्टीजनों का बॉडी लैंगवेज ही कुछ अलग दिख रहा है। वो वाजिदपुर की जनसभा को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं। वैसे भी माना जा रहा है कि जिस तरह से विपक्ष बार-बार यह सवाल करता रहा है कि पिछले साढ़े चार सालों में पीएम के संसदीय क्षेत्र में हुआ क्या तो इस बार पीएम जो सौगात देने जा रहे हैं वह उन आलोचकों का भी मुंह बद कर देगा। इस बार 24 अरब रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने वाले हैं।
इन योजनाओं का होना है लोकार्पण और शिलान्यास
इन योजनाओं का करेंगे उद्घाटन
कचहरी से बाबतपुर तक फोर लेन चौड़ीकरण।
रिंग रोड फेज 1, हरुआ से आजमगढ़ मार्ग गोइठहां तक 17 किमी।
रामनगर में निर्मित मल्टी मॉडल टर्मिनल।
दीनापुर में निर्मित एसटीपी (140 एमएलडी)।
चौका घाट, फुलवरिया और सरैया में निर्मित सीवेज पम्पिंग स्टेशन।
आश्रय योजना के तहत लू-ठण्ड से बचने के लिए भवन।
तेवर ग्राम पेयजल योजना के तहत 15 बस्तियों में छह हजार से ज्यादे आबादी को पेयजल उपलब्ध।
कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय देईपुर हॉस्टल।
आईपीडीएस फेज 2 -123 किमी अंडर ग्राउंड बिजली वायर, सारनाथ और बौद्ध पर्यटन स्थली,18 नए ट्रांसफार्मर। आश्रय योजना के तहत लू-ठण्ड से बचने के लिए भवन।
इन योजनाओं का करेंगे शिलान्यास
एनएच 7 पड़ाव से रामनगर टेंगरा मोड़ मरम्मत कार्य।
डोमरी रामनगर में हैलीपैड निर्माण कार्य।
रामनगर में ड्रेन और ट्रीटमेंट वर्क इसके तरह 9 नाले बंद किए जाएगे जो सीधे गंगा में गिरते है।
13 एमएलडी क्षमता ट्रीटमेंट प्लांट।
किला कटरिया मार्ग चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण।
लहरतारा बीएचयू फुटपाथ मार्ग निर्माण। करौदी में ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र।
सर्किट हाउस फर्स्ट फ्लोर मीटिंग हाल आदि कार्य।
इतनी सारी योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के बाद बीजेपी को विपक्ष का मुंह बंद करने के लिए काफी कुछ होगा। वो बता ही नहीं दिखा भी सकेंगे। वो बता सकेंगे कि किस तरह से 80 और 90 दशक की योजनाओं को त्वरित कार्रवाई के मार्फत सतह पर मूर्त रूप दिया गया। अब भला कोई सोच भी नहीं सकता था कि वाराणसी से हल्दिया तक जल परिवहन की योजना भी परवान चढ़ेगी। फिर जिस तरह से पीएम मोदी के धुर विरोधी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तीन दिन पहले ही बनारस में पीएम के विकास योजनाओं की तारीफ कर गए खास तौर पर बाबतपुर से शिवपुर तक की फोर लेन को लेकर। इसके अलावा वो रिंग रोड जिसे लेकर तमाम अड़चनें आईं उसका मूर्त रूप लेना ये कोई कमतर बात नहीं है। ये ऐसी योजनाएं हैं जिनके माध्यम से बीजेपी कार्यकर्ताओं का सीना चौड़ा हो गया है।