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आलोक ने कहा कि इस पूरे मामले में गर्लफ्रेंड व उसकी बहन को लेकर कोई बात नहीं है। घटना वाले दिन 31 अक्टूबर को आलोक के साथ ऋषभ व कुंदन जेएचवी मॉल शूज लेने गये थे। मॉल में जहां से बाहर निकाला जाता है वही से असलहा लेकर अंदर गये थे। वहां पर शूज पसंद नहीं आया तो मैने पूछा कि प्रशांत कहा है। इस पर मैनेजर हर्षित मुझे देखने लगा। इसके बाद हर्षित वहां पर विशाल सिंह से कहा कि एक लड़का आया है और प्रशांत को पूछ रहा है। वह लोग आये और कहा कि प्रशांत को क्यों पूछ रहे हैं मिलना है तो अंदर चलो। अंदर जाने पर कई लड़के मुझे घेर लिए और मारने का प्लान बनाने लगे। एक लड़के ने मुझे धक्का दिया तो डर के मैने पिस्टल निकाल ली और कहा कि कौन मुझे मारेगा। इसके बाद सब शांत हो गये। मैं वहां से बाहर आने लगा तो पीछे से कई लड़के आकर मुझे पटक दिये और मारने लगे। मेरा दोस्त ऋषभ बाहर चला गया था और उसने देखा कि सब मुझे मार रहे हैं तो अंदर आया और गोली चलाने लगा। इसके बाद सब गायब हो गये। आलोक ने कहा कि घटना को लेकर मुझे बहुत अफसोस है। गोली चलाने वाले मेरे दोस्त ऋषभ को नहीं पता था कि मेरे साथ क्या हुआ। आलोक ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने मुझे मारा था उन्हे गोली लगी थी।
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आलोक उपाध्याय के अनुसार बिहार के आरा निवासी ऋषभ सिंह व कुंदन सिंह क्रमश: इंटर पास थे और तैयारी कर रहे थे। गोली चला कर हत्या करने वाला ऋषभ इंटर पास करके काशी विद्यापीठ में प्रवेश लेने आया था। जबकि कुंदन तैयारी कर रहा था।
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देश में अभी तक किसी मॉल में शूटआउट करके दो लोगों की जान नहीं ली गयी थी। ३१ अक्टूबर में आलोक अपने दो साथी ऋषभ व कुंदन के साथ मॉल में आया था। ऋषभ ने ताबड़तोड़ गोली चला कर दो लोगों की जान ले ली थी जबकि दो घायल हुए थे। क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह व कैंट पुलिस ने रोहित सिंह व आलोक उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है जबकि ऋषभ व कुंदन अभी तक फरार हैं।
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