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राजा भइया के बेटों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया आशीर्वाद! सियासी गलियारों में तेज हुई हलचल

locationवाराणसीPublished: May 26, 2018 02:32:20 pm

तेजी से वायरल हो रही है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कथित रूप से राजा भइया के बच्चों को आशीर्वाद देने की फोटो।

Yogi Adityanath and Raja Bhaiya Son

योगी आदित्यनाथ और राजा भइया के बेटे

वाराणसी. यूपी के बाहुबली विधायक राजा भइया आजकल क्या कर रहे हैं। सियासी गलियारों में ये सवाल इन दिनों खूब तैर रहे हैं। हालांकि उनके भाजपा से नजदीकियों के चर्चे सियासी गलियारों में खूब तैर रहे हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के बाद कई बार ऐसा मौका आया जब सियासी पंडितों ने परिस्थितिजन्य अंदाजे लगाए कि राजा भइया और बीजेपी में नजदीकियां बढ़ रही हैं। पर अब तक न तो उन्होंने और न ही बीजेपी ने इसको लेकर कछ कहा है। पर हां आए दिन कुछ न कुछ ऐसा हो जाता है जिससे इस अंदाजे के पुख्ता होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। कभी राजा भइया के मुख्यमंत्री से आशीर्वाद की फोटो ने सियासी गलियारों में तूफान मचाया था और अब जो फोटो वायरल हुई है उसमें दावा किया गया है कि राजा भइया के बेटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आशीर्वाद ले रहे हैं। इस फोटो के वायरल होने के बाद राजा और मुख्यमंत्री के बीच संबंध और घनिष्ठ होने की बातें कही जा रही हैं। हालांकि पत्रिका कहीं से भी इस फोटो को प्रमाणित नहीं करता और न ही इसकी सच्चाई का दावा करता है।

दरअसल एक फोटो वायरल हुई है जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो बच्चों को बिल्कुल आत्मीयता से आशीर्वाद दे रहे हैं। दावा किया गया है कि ये दोनों बच्चे कुंडा से निर्दल विधायक बाहुबली राजा भइया के बेटे कुँवर शिवराज सिंह व कुँवर बृजराज सिंह हैं। यह फोटो खूब वायरल हो रही है। इसे टि्वटर पर धनंजय सिंह नाम के एक टि्वटर हैंडल से टि्वट किया गया है। फोटो में दोनों बच्चे और खुद मुख्यमंत्री मुस्कुरा रहे हैं।
https://twitter.com/yogiiAdityanath?ref_src=twsrc%5Etfw
 

बता दें यूपी विधानसभा चुनाव के पहले भी राजा भइया के बीजेपी के साथ जाने की अफवाहें उड़ी थीं पर वो 2017 के यूपी विस चुनावों में सपा के साथ ही रहे और हमेशा की तरह निर्दल चुनाव लड़कर फिर विधायक बने। पर विधानसभा चुनावों के बाद जब सूबे में योगी सरकार बन गयी तब उनकी और बीजेपी की नजदीकियों की चर्चा ने एक बार फिर जोर पकड़ा। इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के सिलसिले से आयोजित एक कार्यक्रम में सरकार बनने के बाद पहली बार राजा भइया ने मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया। फिर क्या था सियासी पंडितों के आंकलन और भविष्यवाणियों का दौर चल निकला। इसे मीडिया ने भी खूब उठाया।

राज्यसभा चुनाव आते-आते तो और बड़ी बात हो गयी। राजा भइया ने सपा-बसपा के उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को वोट देने से मना कर दिया। हालांकि बाद में वह अखिलेश यादव के समझाने पर सपा को वोट देने पर राजी हुए। पर मतदान के दिन ऐन वोटिंग के ठीक पहले उन्होंने मुख्यमंत्री से आशीर्वाद लेकर सियासी पंडितों को फिर चकरा दिया। वह अखिलेश यादव से भी मिले और तब अखिलेश ने टि्वट कर उन्हें धन्यवाद भी कहा। पर भीमराव अंबेडकर हार गए और इसके बाद से मायावती का इशारा समझकर अखिलेश यादव ने राजा भइया से किनारा करना शुरू किया।

महाराणा प्रताप जयंती पर तो राजा भइया ने अखिलेश यादव के एक बयान पर कि महाराण प्रताप क्षत्रियों के नेता थे, राजा भइया ने इस पर ऐतराज किया और बिना अखिलेश यादव का नाम लिये कहा कि वह सभी के थे। यह कहना कि वह केवल क्षत्रियों के थे बिल्कुल गलत है। इसके बाद अब कथित तौर पर राजा भइया के बेटों ने जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आशीर्वाद लिया है, तो सियासी गलियारों में इसेक भी मायने निकाले जा रहे हैं।

2019 में महत्वर्पूण होगा राजा भइया का कदम
आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में राजा भइया क्या कदम उठाएंगे यह सियासी तौर पर काफी मायने रखता है। फिलहाल की स्थिति के मुताबिक यदि सपा और बसपा साथ लड़े तो राजा भइया और अखिलेश का साथ नामुमकिन नजर आ रहा है। उधर यदि राजा भइया बीजेपी के पाले में जाते हैं तो भाजपा की मांगी मुराद पूरी होगी और वह इसका फायदा लोकसभा चुनाव में लेने की कोशिश करेगी। बहारहाल ये सभी बातें या तो आंकलन हैं या फिर भविष्यवाणी इनमें से कौन सी बात सच होगी सच्चाई के करीब होगी या झूठ यह तो राजा भइया के सियासी कदम के बाद ही साफ हो पाएगा।
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