इस पूरे मामले में जंतु विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो जेके रॉय ने पत्रिका को बताया कि प्रकरण की जांच शुरू हो गई है। कुछ कड़ी कार्रवाई भी की गई है लेकिन जांच जारी रहने के चलते उसका खुलासा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में विभाग पीडित छात्राओं के साथ है उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। उधर वूमेंस ग्रीवांस सेल ने भी प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। दोनों ही जांच रिपोर्ट जल्द ही कुलपति को सौंप दी जाएगी।
इस बीच विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को पूरे दिन जंतु विभाग प्रकरण की चर्चा रही। प्रोफेसरों भी तरह-तरह की चर्चा में मशगूल रहे। वहीं छात्र व छात्राओं का समूह इस पूरे प्रकरण पर गुस्से में नजर आया। वो हर हाल में आरोपी प्रोफेसर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि ऐसे प्रोफेसर को महामना की बगिया में रहने का हक नहीं उसे तत्काल यहां बरखास्त कर देना चाहिए।
बता दें कि बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के एक प्रोफेसर पर छात्राओं ने उनकी शारीरिक बनावट को लेकर भद्दे कमेंट करने का आरोप लगाया है। बीएससी आनर्स की छात्राओं ने इसकी लिखित शिकायत कुलपति से की है। शिकायती पत्र में छात्राओं ने पिछले दिनों भुवनेश्वर में गए शैक्षणिक टूर के दौरान प्रोफेसर द्वारा अश्लील हरकत करने के साथ ही विभाग में भी भद्दे कमेंट करने सहित कई और गंभीर आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि शिकायत में कहा गया है कि कक्षा के दौरान प्रोफेसर पढ़ाने की बजाय छात्राओं की शारीरिक बनावट, भविष्य में शादी की योजना पर बातचीत के साथ ही कई तरह के भद्दे कमेंट करते हैं। ये टिप्पणियां इतनी भद्दी होती हैं कि इन्हें सार्वजनिक तौर पर कहा भी नहीं जा सकता।
छात्राओं का आरोप है कि पुरी में शैक्षणिक टूर के दौरान नंदकानन जूलॉजिकल पार्क जाकर वहां जंतुओं के बारे में अध्ययन करने की योजना थी लेकिन वहां बहुत कम समय देकर प्रोफेसर सभी को कोणार्क सूर्य मंदिर ले गए और वहां लगीं प्रतिमाओं को दिखाने के साथ ही अनावश्यक विस्तार से उनके बारे में बताया। उनका यह विवरण छात्राओं के लिए काफी हद तक यौन प्रताड़ना जैसा था। पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि शिकायत करने पर प्रोफेसर द्वारा प्रायोगिक परीक्षाओं में नंबर कम देने की भी धमकी दी जाती है। छात्राओं ने कुलपति से मांग की इस मामले की जांच कराई जाए। शिकायती पत्र की कॉपी विभागाध्यक्ष के साथ ही निदेशक विज्ञान संस्थान को भी दी गई है।