इन दवाओं के सैंपल फेल
देहरादून की एसवीपी लाइफ साइसेंज में निर्मित डॉइक्लोमाइन हाइड्रोक्लोराइड, जेंटामाइसिन व मिथाइल कोबालामिन इंजेक्शन, मैनकेयर लेबोरेटरीज की को-ट्रिमोक्साजोल सिरप, हरिद्वार की कैवेंडिश बायो फार्मा में निर्मित ओमेप्राज़ोल डोम्पेरिडोन टैबलेट, टेक्निका लैब्स और फार्मा की एसीक्लोफेनाक पेरासिटामोल सेराटियोपेप्टिडेज टैबलेट, जेनेका हेल्थकेयर की लेवोसालबुटामोल एम्ब्रोक्सोल गुइफेनसिन सिरप, मैस्कोट हेल्थ सीरीज की लैक्टिक एसिड बेसिलस टैबलेट, स्काईमैप फार्मास्यूटिकल की मेटोप्रोलोल टैबलेट, जेबी रेमेडीज की ओफ्लाक्सासिन ओर्नीडाजोल टैबलेट, आर्किड बायोटेक की लैक्टोजर्म कैप्सूल का सैंपल जांच में फेल पाया गया है।
बाजार में पहुंच चुकी हैं दवाएं
कंपनियों से निर्माण के बाद दवाओं को बाजार में उतार दिया गया था। सैंपल फेल होने की जानकारी मिलते ही उन दवाओं को बाजार से वापस मंगाया जा रहा है।ड्रग कंट्रोलर के मुताबिक जिन दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं, उन्हें बाजार से वापस मंगा लिया गया है। अब औषधि निरीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित बैच की दवाओं को दुकानों पर न बेचा जा सके।
देश में 66 सैंपल हुए थे फेल
बीते मार्च में देशभर में 931 सैंपलों की जांच कराई गई थी। इसमें 864 सैंपल सही पाए गए थे। साथ ही 66 फेल हुए, वहीं एक सैंपल मिस ब्रांडेड पाया गया। सीडीएससीओ ने मंगलवार को इस बाबत ड्रग अलर्ट जारी किया है। इनमें उत्तराखंड में बनी 11 दवाओं के सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।