बेस पूर्ण होने के बाद लाइन का काम शुरू होगा
उज्जैन-फतेहाबाद रेल खंड के बीच 22 किमी हिस्से में ब्रॉडगेज का काम हो रहा है। इस रेल पथ पर मध्यम श्रेणी की तीन पुलिया और कुछ कल्वर्ट के आधार तैयार हो गए हैं। पथ पर अर्थवर्क के अंतिम चरण का कार्य जारी है,त ो इसके लिए पटरियों के साथ लगने वाली स्लीपर्स और गिट्टी (बोल्डर पत्थर) पहुंचने लगे हैं। पुलिया, आवश्यक कल्वर्ट और अर्थवर्क बेस पूर्ण होने के बाद लाइन का काम शुरू होगा।
स्टेशन भवन का 55 प्रतिशत कार्य
उज्जैन-फतेहाबाद ब्रॉडगेज योजना में चिंतामण और लेकोड़ा स्टेशन भवन आधुनिक और हाईलेवल प्लेटफॉर्म के साथ बनेंगे। चिंतामण में करीब 10 करोड़ की लागत से स्टेशन भवन और प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जा रहा है। इसके प्रथम चरण में स्टेशन भवन का करीब 55 प्रतिशत कार्य हो चुका है। भवन बनने के बाद प्लेटफॉर्म के काम को तेज किया जाएगा। साइट पर मौजूद सुपरवाइजर के अनुसार चिंतामण स्टेशन भवन आधुनिक और हाइलेवल प्लेटफॉर्म को दिसबंर 2019 तक पूर्ण कर दिया जाएगा। वैसे उम्मीद है कि वर्ष 2020 के मध्य तक 245 करोड़ के उज्जैन-फतेहाबाद ब्रॉडगेज का काम पूरा हो जाएगा।
कई दशक से लंबित था
उज्जैन-फतेहाबाद गेज परितर्वन कई दशक से लंबित था। इंदौर-रतलाम रेल खंड ब्रॉडगेज होने के बाद उज्जैन-फतेहाबाद मीटरगेज को बंद कर दिया गया था। ट्रैक बंद होने से क्षेत्र के लोग मायूस थे और उनका व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। कांग्रेस की यूपीए सरकार में इस गेज परिवर्तन घोषणा हुई थी, लेकिन बाद में आला अधिकारियों ने आउटपुट नहीं होने से इस पर इनकार कर दिया था। केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद भी राज्य सरकार के 50 फीसदी अंशदान में प्रोजेक्ट उलझा रहा। प्रदेश सरकार द्वारा अंशदान देने के निर्णय के बाद रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को हाथ में लिया। केन्द्रीय रेल बजट 2016-17 में उज्जैन-फतेहाबाद गेज परिवर्तन के लिये 245.08 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी।
उज्जैन से इंदौर की दूरी कम होगी
नई लाइन से इंदौर-उज्जैन के बीच दूरी कम हो जाएगी। इससे जहां समय बचेगा, वहीं किराया भी कम लगेगा। इंदौर से ट्रेन देवास होकर उज्जैन जाती है। यह दूरी 80 किमी है। उज्जैन-फतेहाबाद दूरी करीब 62 किमी है। ब्रॉडगेज का कार्य पूर्ण होने के बाद इंदौर-उज्जैन के बीच दूरी करीब 18 किमी कम हो जाएगी। इसी के साथ उक्त मार्ग के करीब 18 गांव रेल सेवा से जुड जाएंगे। सबसे ज्यादा लाभ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को होगा। मीटरगेज टै्रक के दौरान रेल के जरिए दूध, मावा,सब्जी, अन्य कई जरूरी वस्तुएं उज्जैन-इंदौर तक आती-जाती थी। टै्रक बंद होने से इसके लिए सड़क परिवहन का माध्यम ही रह गया,जो असुविधाजनक है। उज्जैन, इंदौर, देवास के बीच रेलमार्ग का सर्किल भी बन जाएगा। उज्जैन में भोपाल जाने वाली ट्रेनों के इंजन की दिशा भी नहीं बदलना होगी।