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उज्जैन

शिप्रा में डूब रहे थे चार युवक, तैराकों ने जान की बाजी लगाकर बचाया

एक साल में ४० से ज्यादा लोगों की डूबने से मौत, अब घाटों पर तैराक तैनात करेगा निगम, कुछ जगह स्नान प्रतिबंधित होगा शिप्रा में 

उज्जैनAug 09, 2017 / 10:48 pm

Gopal Bajpai

उज्जैन. शिप्रा तट पर स्नान के दौरान दो अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों को डूबने से बचाया गया। इनमें दो भाई इंदौर के और दो ग्वालियर से दर्शन के लिए आए थे। शिप्रा में स्नान के दौरान चारों गहरे पानी में उतर गए थे और वहां डूबने लगे थे। तैराक दलों ने होमगार्ड की मदद से चारों को डूबने से बचा लिया।
बुधवार सुबह 7.30 बजे के लगभग शिप्रा नदी में दत्तअखाड़ा घाट पर नंदानगर इंदौर निवासी सागर पिता संजय परमार (25) छोटे भाई अजय (23) एवं अन्य दो युवकों के साथ देव दर्शन करने के लिए उज्जैन आया था। देव दर्शन के बाद चारों शिप्रा स्नान के लिए शिप्रा घाट पहुंचे। इस दौरान नहाते समय पैर फिसलने के कारण अजय गहरे पानी में चला गया। यह देखकर सागर ने उसे बचाने का प्रयास किया तो वह भी डूबने लगा। इसके बाद एक अन्य युवक ने दोनों को बचाने का प्रयास किया तो वह सफल नहीं हो पाया। घाट पर शोर सुनकर मां शिप्रा तैराक दल के सदस्य मनीष ठाकुर एवं जितेंद्र कहार वहां पहुंचे और नदी में गोता लगाकर सागर एवं अजय परमार को बाहर निकाला। दूसरी घटना दिन में हुई। रामघाट पर ग्वालियर से आए पंकज पिता रमेश बाबू स्नान के दौरान गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। भाई को डूबता देख पंकज का छोटा भाई दीपक उसे बचाने के लिए कूदा पर वह भी डूबने लगा। दोनों भाइयों को डूबता देख शिप्रा बोर्ड क्लब के सदस्य हमीद भाई, सुनील गुप्ता पानी में कूद और दोनों भाईयों को बचाने का प्रयास करने लगे। इसके बाद होमगार्ड के जवान ने चौकी पर सूचना दी और फिर सचिन तुरे, अशोक, सुभाष, नवरंग मौके पर पहुंचे और तैराकों की सहायता से दोनों भाइयों को सुरक्षित बाहर निकला। जानकारी आरक्षक अरविंद सक्सेना ने दी।
शिप्रा में डूबकर मरने से होने वालों हादसों को रोकने निगम प्रशासन अब प्रमुख घाटों पर प्रशिक्षित तैराक तैनात करेगा। पहले इनका रजिस्ट्रेशन होगा और नियत पारिश्रमिक पर इन्हें ८-८ घंट की ड्यूटी पर लगाया जाएगा। साथ ही कुछ घाट स्थलों को स्नान के लिए प्रतिबंधित करने पर निगम प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करेगा। बुधवार को निगमायुक्त डॉ. विजय कुमार ने अपने कक्ष में होमगॉर्ड कमाडेंट सुमंत जैन व तैराक दल सदस्यों को बुलाकर सुझाव लिए और कार्ययोजना तैयार की।
निगमायुक्त से तैराकों ने कहां की नृसिंह घाट, लालपुल घाट रामघाट क्षेत्र के आगे वाले भाग में स्नान प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। ताकी कुछ ही स्थानों पर निगरानी व सुरक्षा इंतजाम करना पड़े। इसे उन्होंने उचित माना और कहां की वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर ऐसे पाइंट चिन्हित करेंगे। साथ ही वे बोलें की अच्छे तैराकों का निगम पंजीयन करेगा और पारिश्रमिक देकर सुरक्षा के लिए उन्हें घाटों पर तैनात करेगा। साथ ही उन्होंने घाट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम जुटाने के लिए भी उपायुक्त आरपी श्रीवास्तव को निर्देशित किया।

सुरक्षा के लिए ये प्रबंध होंगे

घाट पर सूचना बोर्ड लगेंगे। चेतावनी तैराकों का विवरण।
डूबते को बचाने के लिए एक समय में ५ से ७ तैराक तैनात रहेंगे।

अलसुबह से शाम तक तैराकों की व्यवस्था रहेगी, इनके नंबर भी लिखे होंगे।
विशेष पर्व व त्योहारों पर निगम सुरक्षा के अन्य प्रबंध करेगा।
बैठक में तैराक दल के राधेश्याम पंथी, मुकेश चौरसिया, दिलीपसिंह तोमर व अखलाक खान आदि मौजूद रहे। 

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