मंडी में नीलामी अवकाश रहा
एट्रोसिटी और आरक्षण के विरोध में गुरुवार को शहर बंद रहा। सपाक्स, करणी सेना सहित अन्य संगठनों ने इस बंद को समर्थन दिया। इसके चलते शहर के निजी स्कूल, कॉलेजों ने अवकाश की सूचना अभिभावकों को पहले ही भेज दी थी। वहीं मंडी में नीलामी अवकाश घोषित किया गया। व्यापारिक संगठनों ने भी अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले और बंद को समर्थन दिया।
सुबह 10.३० बजे निकाली वाहन रैली
शहर बंद कराने के लिए सपाक्स समाज की ओर से सुबह १०.३० बजे वाहन रैली निकाली गई। इसके बाद राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया। बंद के दौरान अप्रिय स्थित से निपटने के लिए पुलिस ने भी तैयारी कर रखी थी। वज्र वाहन और हर चौराहे पर पुलिस बल तैनात रहा। उज्जैन जिले के साथ ही आगर और शाजापुर जिले में भी सवर्ण समाज और संगठनों ने बंद का आह्वान किया, इसके तहत शहर की दुकानें और निजी स्कूलों में अवकाश रखा गया। अभी तक कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
इसलिए करना पड़ा विरोध
अनुसूचित जाति और जनजाति के कठोर प्रावधानों (मसलन मात्र एक शिकायत पर किसी भी व्यक्ति को दोषी मान कर गिरफ्तार करना, उसकी जमानत ना होना आदि) के विरोध में और 70 वर्षों से चली आ रही जातिगत आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की मांग को लेकर सुबह 10 से शाम 4.30 बजे तक भारत बंद का आह्वान किया गया था, जिसके चलते सभी ने एकजुट होकर अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखे, वहीं निजी स्कूली संस्थाओं में दिनभर अवकाश रहा।
दोपहर 1 तक पेट्रोल पंप बंद
शहर के अधिकांश पेट्रोल पंप बंद रहे। उज्जैन पेट्रोल-डीजल डीलर एसोसिएशन अध्यक्ष रवि लोहिया ने बताया, एसोसिएशन द्वारा सुबह १०.३० से दोपहर १ बजे तक पंप बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
10 से 4 बजे तक दूध नहीं
उज्जैन दूध विक्रेता संघ ने भी बंद का समर्थन किया है। संघ अध्यक्ष मोहन वासवानी के अनुसार सुबह 10 बजे तक दूध आपूर्ति की गई। इसके बाद शाम 4 बजे तक सभी डेयरी बंद रखने का निर्णय लिया।
इन्होंने भी किया समर्थन
मप्र मराठा सेवा संघ ने भारत बंद का समर्थन किया है। शहर अध्यक्ष लक्ष्मण राव गुंजाल ने बताया कि कार्यकर्ता दोपहिया वाहनों पर उज्जैन बंद कराने निकलेंगे। ब्राह्मण समाज और सराफा एसोसिएशन ने भी बंद का समर्थन किया है।
मजिस्ट्रेट ड्यूटी लगाई गई है। धारा १४४ लागू की है, बिना अनुमति रैली, जुलूस निकालने या अन्य प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया है। जबर्दस्ती बंद करवाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। शासकीय अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी पर रहते बंद में शामिल पाए गए तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
– मनीषसिंह, कलेक्टर