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शाजापुर में मलेरिया पॉजीटिव मिलने से अलर्ट

दो माह में सामने आए 7 मलेरिया पॉजीटिव जलजमाव से जलजनित बीमारी का खतरा : अस्पताल में बढ़े मरीज, वर्षाकाल को लेकर स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष तैयारियां

उज्जैनAug 25, 2019 / 12:22 am

rajesh jarwal

Alert on getting malaria positive in Shajapur

दो माह में सामने आए 7 मलेरिया पॉजीटिव जलजमाव से जलजनित बीमारी का खतरा : अस्पताल में बढ़े मरीज, वर्षाकाल को लेकर स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष तैयारियां

शाजापुर. शहर में रुक-रुककर हो रही बारिश का पानी कई इलाकों में जमा हो रहा है। इसके चलते मच्छर व अन्य कीटाणु पनप रहे हैं। इन हालातों में मौसमी बीमारियों के साथ मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। हालांकि अभी तक डेंगू का कोई मरीज सामने नहीं आया है, लेकिन जुलाई अगस्त माह में 07 मलेरिया पॉजीटिव सामने आए हैं। इसके देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की भी जलजनित बीमारी को लेकर अलर्ट है। इधर मलेरिया विभाग ने लक्ष्य से अधिक स्लाइड बनाकर मलेरिया जांच की है। वहीं मलेरिया-डेंगू जैसी बीमारी की रोकथाम के लिए मच्छरों का लार्वा खत्म करने वाली डेढ़ लाख गंबुसिया मछली जिले में डाली जाएगी।
बता दें कि बारिश के पानी से खाली पड़े प्लॉट छोटे तालाब में तब्दील हो गए हैं। इनमें मच्छरों और कीटाणु फैल रहे हैं तो र्दुगंध भी लोगों को परेशान कर रही हैं। इधर, सड़क किनारे, बस्तियों में जमा हो रहा गंदा पानी भी बीमारियों को आमंत्रण दे रहा है। इनमें मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं जो बीमारियों का कारण बन सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग भी इसे लेकर अलर्ट बताया जाता है। अधिकारियों ने विभिन्न माध्यमों से लोगों से भी साफ-सफाई का ध्यान रखने के साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर तत्काल डॉक्टरों की सलाह लेने की अपील की है।
वर्षा ऋतु में बढ़ती है जलजनित बीमारियां
सीएमएचओ डॉ. प्रकार फूलंबीकर ने बताया कि वर्षा ऋ तु में जल जनित बीमारियों के ब$ढने की संभावना बढ़ जाती है। इसके चलते उल्टी, दस्त, पेचिश, हैजा, पीलिया एवं टाइफाइड आदि बीमारियों के होने की संभावना रहती है। वर्षाकाल को लेकर स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष तैयारियां रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही किसी भी गांव या क्षेत्र में कोई भी बीमारी फैलने, बड़ी संख्या में मरीज सामने आने पर तत्काल टीम मौके पर भेजने की व्यवस्था की गई है।
मलेरिया विभाग बना रहा स्लाइड-इधर मलेरिया, डेंगू की जांच के लिए मलेरिया विभाग द्वारा स्लाइड बनाई जा रही है।1 जनवरी से लेकर 15 अगस्त तक विभाग द्वारा टारगेट का 109 प्रतिशत स्लाइड बनाई है। विभाग को 15 अगस्त तक के लिए 72 हजार 689 स्लाइड बनाने का लक्ष्य था। जिस पर विभाग ने 79 हजार 294 स्लाइड बनाकर लोगों की जांच की है।
जिले में डालेंगे डेढ़ लाख गंबूसिया मछली
जिले में डेंगू मलेरिया के लार्वा खत्म करने के लिए विभाग द्वारा डेढ़ लाख गम्बुसिया मछली तालाब सहित अन्य जल जमाव क्षेत्रों में डाली जाएगी। जिला मलेरिया अधिकारी आरएस जाटवा ने बताया कि इस बार पर्याप्त वर्षा हुई, सभी जलाशयों में पानी है। डेढ़ लाख गम्बूसिया मछली डालने का टारेगेट भोपाल से मिला है। जिसे दो चरणों में डाली जाएगी। ये मछली मच्छरों के लार्वा को खा जाती है। और 16 से 18 दिनों में बच्चे भी दे देती है।
मलेरिया विभाग ने बनाई स्लाइड
केंद्र लक्ष्य पूर्ति प्रतिशत मलेरिया पॉजीटिव
कालापीपल 15390 15785 102 02
पोलायकलां 17730 22693 127 03
मो. बड़ोदिया 16867 15622 92 07
बेरछा 22702 25194 110 04
जिले में 72689 79294 109 16
नोट – आंकड़े 01 जनवरी से 15 अगस्त तक
ये हैं बीमारियों के लक्षण
मलेरिया : यह एक प्रकार का बुखार है। इसमें रोजाना या एक दिन छोड़कर तेज बुखार आता है। मादा एनोफिलीज मच्छरों से मलेरिया का रोग फैलता है। यह हर उस जगह पनपते हैं जहां पानी भरा हो या नमी हो। तेज सर्दी लगना, फिर गर्मी लगकर तेज बुखार आना, पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोरी महसूस होना आदि इसके लक्षण हैं।
डेंगू: डेंगू एक विषाणु से होने वाली बीमारी है। यह एडीज एजिप्टाई नामक संक्रमित मादा मच्छर से फैलता है। यह मच्छर घरों, स्कूलों व अन्य भवनों में तथा इनके आसपास एकत्रित खुले व साफ पानी में अंडे देते हैं। अचानक बुखार आना, सिर में आगे की ओर तेज दर्द, आखों में दर्द, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, भूख नहीं लगना, चक्कर आना आदि इसके लक्षण हैं।
यह सावधानी बरतें
खाने पीने के लिए स्वच्छ एवं सुरक्षित पानी का उपयोग करें।
सदैव शौच से आने के बाद हाथ साफ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं।
खाना बनाने, परोसने व खाने के पहले हाथ साफ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोलें।
ताजे बने भोजन व खाद्य वस्तुओं का ही सेवन करें। ज्यादा देर का बना भोजन वासी खाद्य वस्तुओं का सेवन न करें।
सदैव भोजन व अन्य खाद्य सामग्रियों को उचित ढंग से ढंककर रखें ताकि उसे मक्खियों धूल से दूषित होने से बचाया जा सके ।
पानी के लिए सुरक्षित पेयजल स्रोतों का ही उपयोग करें।
यदि पानी के दूषित होने की संभावना हो तो क्लोरीन की गोली उपयोग करें।
गंदे, सड़े, गले व कटे हुए फलों का एवं बाजार में खुले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करें।
सब्जियों व फलों को साफ पानी से धोने के बाद ही उपयोग करें, सब्जियों व फलों को साफ (धुले हुए) चाकू से काटें।
कूलर आदि में जमा पानी खाली कर दें। उपयोग होने की स्थिति में पानी सप्ताह में एक बार जरूर बदलें।
जला तेल या मिट्टी का तेल नालियों में व जमा पानी पर डालें।
मच्छरदानी का उपयोग करें, शौचालय को स्वच्छ रखें।

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