उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, प्रतापगढ़, पाली, चित्तौडगढ़़, जालौर जिले के मरीजों को सेंटर का सीधा लाभ मिलेगा। खास बात यह है कि मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों के लोग भी यहां पहुंचते हैं। जिन विभागों में चिकित्सक कम हैं, उन्हें सरकार से डिमांड कर रखी है। जैसे ही सभी विभागों में तीन-तीन चिकित्सक उपलब्ध हो जाएंगे तो यहां पीजी की पढ़ाई भी करवाई जा सकेगी।
सेन्टर में लगने वाले दस मशीन पहुंच चुके हैं, जिनमें से कुछ तो आरएनटी के स्टोर में तो कुछ नए भवन में ही रखवाया गया है। वर्तमान में आरएनटी के हर विभाग में केवल एक-एक विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत है, जबकि प्रत्येक विभाग में कम से कम तीन-तीन चिकित्सकों की टीम होना जरूरी है।
न्यूरोलॉजी में डॉ तरुण रहलोत
एंडोक्राइनोलॉजी में डॉ संदीप कंसारा
गेस्ट्रोएन्ट्रालॉजी में डॉ विपिन माथुर
नेफ्रोलॉजी में डॉ मुकेश बडजात्या
रेडियोथैरेपी में डॉ नरेन्द्र राठौड व डॉ सुरेश ।
बेसमेंट- 40 कार और 40 दुपहिया वाहन
ग्राउण्ड फ्लोर- ओपीडी, लैब
प्रथम फ्लोर- ओपीड़ी लैब
दूसरा फ्लोर- जीआई मेडिसिन, जीआई सर्जरी, यूरोलॉजी, रेडियोथैरेपी
तीसरा फ्लोर- न्यूरोमेडिसिन, न्यूरो सर्जरी, एन्डोक्राइनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी
चौथा फ्लोर- आईसीयू, सर्जीकल मेडिकल
पांचवां फ्लोर- माड्यूलर ओटी- छह ।
(हर वार्ड में औसतन 22 शय्या)