रणनीति कारगर साबित नहीं हुई
विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई किराये में यह बदलाव दीवाली से पहले हुई गलती का नतीजा है। इस साल त्योहारों से एक-दो महीने पहले एयरलाइंस कंपनियों ने हवाई किराया ३0 से 40 फीसदी बढ़ा दिया, ताकि उन्हें प्रति यात्री प्रति किलोमीटर औसत आय बरकरार रखने में मदद मिल सके। लेकिन उनकी यह रणनीति कारगर साबित नहीं हुई, योंकि दिवाली नजदीक आने के साथ ही कई मार्गों पर लोड फैटर कम होने लगा। यानी विमान में यात्रियों की संया घटने लगी। ऐसे में खाली सीटें भरने के लिए दीवाली के आसपास एयरलाइंस को किराया कम करना पड़ा।
एटीएफ सस्ता हुआ, इसलिए घटा किराया
पिछले दो महीनों में विमान ईंधन (एटीएफ) भी सस्ता हुआ है। इससे विमानन कंपनियों को क्रिसमस वाले हते में किराया कम रखने में मदद मिली है। एक अटूबर को एटीएफ की कीमत दिल्ली में 118 रुपए लीटर थी जो 1 दिसंबर तक घटकर 106 रुपए प्रति लीटर रह गई। विमानन विश्लेषक अमेय जोशी ने कहा, ‘नवंबर में विमानन उद्योग को काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। महीने की शुरुआत में अधिक किराए के कारण लोड फैटर कम था। इसलिए विमानन कंपनियों ने कीमत घटाकर बिक्री बढ़ाने की रणनीति अपनाई है।