scriptvideo: मौसमी बीमारियों ने बढ़ाया अस्पताल में का मर्ज, शिशु वार्ड में एक पलंग पर तीन से चार बच्चे भर्ती करने पर बढ़ा संक्रमण का खतरा | Seasonal diseases increase merging in hospital | Patrika News

video: मौसमी बीमारियों ने बढ़ाया अस्पताल में का मर्ज, शिशु वार्ड में एक पलंग पर तीन से चार बच्चे भर्ती करने पर बढ़ा संक्रमण का खतरा

locationटोंकPublished: Sep 25, 2018 07:08:05 am

Submitted by:

pawan sharma

शिशु वार्ड में भर्ती क्षमता से अधिक शिशु के साथ आने वाले परिजनों तथा अन्य लोगों से गंदगी भी फैल रही है। ऐसे में चिकित्साकर्मी बार-बार सफाई कर रहे हैं।
 

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टोंक के जनाना अस्पताल स्थित शिशु वार्ड में एक पलंग पर भर्ती तीन शिशु।

टोंक. राज्य सरकार ने जिला मुख्यालय पर सुविधाओं से युक्त मातृ शिशु एवं जनाना अस्पताल तो खोल दिया, लेकिन इसमें कई खामियां छोड़ दी। ऐसे में अस्पताल खुलने के बाद भी रोगियों को इसका पूर्ण रूप से लाभ नहीं मिल रहा है।
आलम ये है कि जनाना चिकित्सालय के शिशु वार्ड में ही एक पलंग पर ही तीन से चार बच्चे भर्ती हैं। इस पर बच्चों के पास रहने वाले तथा मिलने वालों की भीड़ से यहां मेले सा माहौल है। परिजनों तथा मिलने वालों को वार्ड से बाहर भेजने पर शिशु वार्ड में झगड़े हो रहे हैं।
इसका कारण है कि सरकार ने बड़ा भारी अस्पताल तो बना दिया, लेकिन पलंग की संख्या इतनी कम रखी कि यहां आ रहे शिशुओं का उपचार परेशानी भरा हो रहा है। साथ ही एक पलंग पर सो रहे बच्चों में अन्य बीमारियों के संक्रमण का भय भी सता रहा है।
हालांकि अभी तक ऐसा कोई केस नहीं आया, जिसमें एक बच्चे से दूसरे में संक्रमण हुआ हो, लेकिन हालात ऐसे ही रहे तो संक्रमण फैल सकता है। शिशु रोग विशेषज्ञ विनोद परवेरिया ने बताया कि इन दिनों मौसम में बदलाव आया है।
ऐसे में शिशुओं में निमोनिया तथा डायरिया रोग हो रहा है। भर्ती शिशु में इनकी संख्या सर्वाधिक है। वार्ड में पलंग की संख्या अधिक हो तो परेशानी नहीं हो। मजबूरी में एक पलंग पर दो से तीन शिशु भर्ती करने पड़ रहे हैं।

जनाना अस्पताल के 20 पलंग वाले शिशु वार्ड में गत 17 सितम्बर को 78, 18 को 65, 19 को 51, 20 को 60, 21 को 63, 22 को 62, 23 को 62 तथा 24 को 68 शिशु भर्तीहुए।
ऐसे में उपचार करने में चिकित्साकर्मियों को भी परेशानी हो रही है। वहीं उन्हें उपचार के लिए शिशुओ को देखने से पहले वार्ड की गन्दगी की सफाई करानी पड़ रही है, ताकि संक्रमण ना हो।
बार-बार करनी पड़ रही है सफाई
शिशु वार्ड में भर्ती क्षमता से अधिक शिशु के साथ आने वाले परिजनों तथा अन्य लोगों से गंदगी भी फैल रही है। ऐसे में चिकित्साकर्मी बार-बार सफाई कर रहे हैं।
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