वर्ष 2012 के पूरक बजट में टोंक के लिए रेल लाइन स्वीकृत होने के बाद रेलवे विभाग ने स्टेशन, फ्लाई ओवर तथा रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे समेत अन्य सभी कार्य पूरे कर लिए, लेकिन अब ये कार्य नहीं बढ़ रहे हैं।
नसीराबाद से चौथ का बरवाड़ा तक जहां से भी रेल लाइन गुजरेगी, वहां-वहां पिलर लगाए जा चुके हंै। अब रेल लाइन का फाइनल ड्राइंग तैयार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार अजमेर-टोंक-सवाईमाधोपुर रेल परियोजना की कुल लम्बाई 165 किलोमीटर है। इसके लिए अनुमानित 873.71 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसकी स्वीकृति बजट में जारी की जा चुकी है। रेल लाइन में सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा से शुरू होकर टोंक व अजमेर जिले के कई गांवों को जोड़ा जाना है।
लिखित में कर दिया मना जयपुर मण्डल के सहायक अभियंता एवं रेल लाइन का कार्य देख रहे सहायक अभियंता के. डी. स्वामी ने बताया कि रेल लाइन का सर्वे का नसीराबाद से चौथ का बरवाड़ा तक पूरा किया जा चुका है।
अब इसके लिए फाइनल ड्राइंग शीट तैयार की जा रही है। अब रेल लाइन का कार्य राज्य सरकार की ओर से भूमि अवाप्त कर दिए जाने के बाद शुरू किया जा सकेगा। वर्ष 2013 में अशोक गहलोत सरकार से हुए एग्रीमेन्ट के अनुसार लागत की आधी राशि केन्द्र सरकार व आधी राशि व भूमि राज्य सरकार को दी जानी है, लेकिन वर्तमान सरकार के मुख्य सचिव ने इसके लिए लिखित में मना कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार का मामला बताया है। अब रेल मंत्री से बात कर रेल के कार्य को गति दी जाएगी।
सुखबीर सिंह जोनापुरिया, सांसद टोंक के लिए रेल की मांग केन्द्र व राज्य सरकार से जारी रहेगी। इसके लिए सांसद एवं केन्द्रीय रेल मंत्री से मिल कर अब तक रेल के मामले में हुई प्रगति से अवगत कराया जाएगा।
अकबर खान, अध्यक्ष, रेल लाओ संघर्ष समिति