मैं सकते और सदमें में हूं: गंगा आंदोलन के लिए 111 दिन उपवास करने के बाद गंगा पुत्र प्रो जीडी अग्रवाल सानंद के निधन पर उमा भारती का कहना था कि इस संबंध में वह कुछ नही कहेंगी। दिल्ली जाने के बाद ही वह इस मामले में अपना वक्तव्य देंगे। उनका कहना था कि मैं इतना ही कहना चाहती हूं कि वह गंगा आदोलन को लेकर हमारे प्रेरक थे। जब वह अनशनरत थे तो वह उनसे मिलने भी गई थी। उन्होंने कहा कि उनके जाने से जो कुछ घट गया है, वह बहुत दुख है। उनकी मौत से वह सकते और सदमें में है। यह साधारण घटना नही है। गंगा के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व दिया। हमारा तो पूरा आंदोलन उनकी वजह से ही था।
पांचों सीटों पर जीते भाजपा: दिव्यांतरणम में पार्टी कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्र के लोगों से मुलाकात के विषय पर उमा भारती का कहना था कि वह काफी दिनों से क्षेत्र के लोगों से मिलना चाह रही थी। चूकी अब आदर्श आचार संहिता लग चुकी है। विशेष आचार संहिता अभी लागू नही है, फिर भी प्रशासन की अनुमति से ही वह कार्यकर्ताओं से मिली है। उनका कहना था कि उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा है कि इस बार जिले में खरगापुर और जतारा सीटें हम पिछले चुनाव में हार गए थे, वहीं शेष तीन सीटों पर भी हमें टक्कर होगी। निवाड़ी जिला बन जाने से वह सीट बम-बम हो गई है। अबकी बार हर सीट पर भाजपा का झंडा फहराना चाहिए।