scriptबिना जन्मकुंडली के ऐसे जाने भविष्यफल, होगा बिल्कुल सटीक | How to know future prediction without janmkundali | Patrika News

बिना जन्मकुंडली के ऐसे जाने भविष्यफल, होगा बिल्कुल सटीक

Published: Apr 09, 2018 03:29:17 pm

प्रश्न कुंडली वास्तव में समय विशेष की एक कुंडली है जो उस समय बनाई जाती है, जिस समय जातक प्रश्न पूछता है।

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कई बार लोगों की उलझन होती है कि उन्हें अपना जन्म समय या जन्मतिथि सही पता नहीं होती। ऐसे में ज्योतिष संबंधी फलादेश कैसे किए जाएं? किस तरह उनका भविष्य बांचा जाए? ज्योतिष में इसका सटीक जवाब प्रश्न कुंडली है।
प्रश्न के अनुसार मिलता है जवाब
प्रश्न कुंडली वास्तव में समय विशेष की एक कुंडली है जो उस समय बनाई जाती है, जिस समय जातक प्रश्न पूछता है। इससे जातक के प्रश्न का भविष्य देखने का प्रयास किया जाता है। इस विधि में सवाल कुछ भी हो सकता है। आमतौर पर तात्कालिक समस्या से ही सवाल होता है। समस्या समाधान का जवाब देने के लिए प्रश्न कुंडली सर्वाधिक उपयुक्त तरीका है। ध्यान देने की बात यह है कि प्रश्न के सामने आते ही उसकी कुंडली बना ली जाए। इससे समय के फेर की समस्या नहीं रहती। इसके साथ ही जातक की मूल कुंडली भी मिल जाए और वह प्रश्न कुंडली को इको करती हो तो समस्या का हल ढूंढना और भी आसान हो जाता है।
जन्म तिथि और समय आवश्यक
आमतौर पर शिशु के गर्भ से बाहर आने को ही जन्म समय माना जाता है। इसके अलावा माता से नाल के कटने या पहली सांस लेने को भी जन्म समय लेने का मत ज्योतिष में देखने को मिलता है। सही जन्म समय को लेकर हमेशा उहापोह की स्थिति रहती है। ऐसे में प्रश्न कुंडली ऐसा जवाब है, जिससे जन्म तिथि और जन्म समय के बिना फलादेश किया जा सकता है। भविष्य से जुड़े सवालों का उत्तर पाया जा सकता है। सामान्यतया प्रश्न कुंडली की आयु वार्षिक मानी गई है। इसमें लग्न समय निश्चित होता है। प्रश्नकत्र्ता की चिंताओं की जानकारी चंद्रमा से देखी जा सकती है। प्रश्न कुंडली के लग्न भाव ही समस्या के संकेत देते हैं।
ग्रह योगों से बनती समान समस्याएं
कई बार एक दिन में एक ही प्रकार की समस्याओं वाले लोग अधिक आते हैं। इसका कारण यह है कि गोचर में ग्रहों की जो स्थिति होती है उससे पीडि़त लोगों का स्वभाव भी एक जैसा ही होगा। इसका अर्थ यह नहीं है कि समान राशि या कुंडली वाले लोगों को एक जैसी समस्याएं होंगी। बल्कि ग्रह योगों के समान स्थिति से समान स्वभाव की समस्याएं सामने आएंगी। देखा जाए तो जिस दिन गोचर में चंद्रमा और शनि की युति होगी तो उस दिन मानसिक समस्याओं से घीरे लोग अधिक आएंगे। मानसिक समस्याओं का प्रकार, लग्न और अन्य ग्रहों का कारण बदल जाता है।
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