इसी सिलसिले में हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको शायद ही पता होगा। हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं, इसका नाम बाथू की लड़ी है। ये मंदिर साल के 12 महीनों में से 8 महीने पानी के अंदर समा जाता है। जिसकी वजह से भक्तों को इस मंदिर के दर्शन करने के लिए एक साल में सिर्फ 4 महीनों का ही समय मिल पाता है। बता दें कि मंदिर की ऐसी स्थिती अभी से नहीं बल्कि कई साल पहले से ही बनी हुई है। लेकिन इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि 8 महीने पानी में रहने के बाद भी इसे अभी तक किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
मंदिर के बारे में बताया जाता है कि निर्माण के समय इस मंदिर को काफी मज़बूत बनाया गया था, जो किसी भी परिस्थितियों में टस से मस नहीं होगा। मंदिर के निर्माण में खासतौर पर इसकी नींव पर ज़्यादा
ध्यान रखा गया था। मंदिर की मज़बूती और नींव की बातें सुनकर आपको ऐसा लग रहा होगा कि ये इसी काल में बनाया गया है। इसलिए हम आपकी ऐसी सभी कंफ्यूज़न को दूर कर देते हैं। मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसका निर्माण स्वयं पांडवों ने कराया था। कहा जाता है कि अपने अज्ञातवास के समय पर ही उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया था और यहां पवित्र शिवलिंग को स्थापित किया था।