स्मिता के ससुर भागुराव ने बताया कि उसकी पत्नी गयाबेन, पुत्र भरत रोजाना की तरह सत्संग में गए थे। स्मिता बच्चों को स्कूल छोडक़र आने के बाद अपने कमरे में सोने चली गई। बाद मेें वह भागुराव से नहाने के लिए गर्म पानी करने के बारे में पूछने आई थी। कुछ समय बाद वह दोबारा कमरे में चली गई और आत्महत्या कर ली। भागुराव को पिस्तौल से गोली छूटने पर लगा कि कोई पटाखा फूटा होगा। पत्नी और बेटे के घर आने के बात हकीकत सामने आई।
मानसिक दशा अच्छी नहीं थी
पति की मौत के बाद स्मिता की मानसिक दशा अच्छी नहीं थी। परिजन मनोचिकित्सक से उसका उपचार करवा रहे थे। पीहर पक्ष भी स्मिता के बीमार रहने को लेकर परेशान था। पुलिस ने घर से सुसाइड नोट बरामद किया है। मराठी भाषा में स्मिता ने लिखा है कि मुझे माफ कर देना, मैं हेमंत के बिना नहीं रह सकती।