वापी नगर पालिका विस्तार की बात करें तो डुंगरी फलिया, डुंगरा, टांकी फलिया। खडक़ला रोड समेत कई घनी बस्तियों वाले इलाको में यह समस्या ज्यादा है। क्षेत्र के लोगों ने इसके लिए बेहतर सफाई का अभाव और नपा द्वारा कीटनाशकों का छिडक़ाव न करने को जिम्मेदार बताया है। वहीं शहर एवं जीआइडीसी से सटे पंचायत क्षेत्रों की हालत और ज्यादा खराब है। नगरपालिका विस्तारों में तो कभी कभार पाउडर का छिडक़ाव हो जाता है, लेकिन पंचायत क्षेत्रों में इसकी व्यवस्था ही नहीं है। न तो पंचायत क्षेत्रों में नियमित सफाई होती है। ज्यादातर श्रमिक इन्हीं क्षेत्रों में रह रहे हैं। जो मच्छरों के कारण बीमार हो रहे हैं।
चणोद स्थित इएसआइसी अस्पताल में बीते दो महीने से डेंगू, मलेरिया समेत मच्छर जनित रोगों के शिकार मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला जारी है। इसके अलावा कोपरली रोड स्थित अस्पताल में भी रोजाना मलेरिया के लक्षण वाले रोगियों की संख्या बढ़ गई है। वापी सीएचसी के पूर्व इंचाज तथा गुंजन स्थित मीना क्लीनिक के संचालक डॉ. केपी सिन्हा ने भी बताया कि कुछ दिनों से मच्छरों से होने वाले रोग से पीडि़त लोगों की संख्या बढ़ी है। रोजाना उनके पास इस तरह के पांच से छह मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं। जिन्हें दवाई देने के साथ मच्छरों से बचने और आसपास के विस्तार को साफ सुथरा रखने की सलाह भी दी जा रही है। वहीं नगर पालिका की ओर से बताया गया है कि नया सफाई टेन्डर हो गया है और सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने के साथ कीटनाशकों का छिडक़ाव भी वार्ड दर वार्ड करने की योजना है।