इस संबंध में पंडित रोशन महाराज ने बताया कि सौभाग्य, धन संपदा और सौन्दर्य की अधिष्ठात्री देवी महागौरी हंै। साधक आठवें दिन देवी के इसी रूप की पूजा करते हैं। अष्टमी पर अंबामाता मंदिर परिसर में विशाल हवन कुंड बनाकर यज्ञ किया गया। जहां पंडितों ने श्रद्धालुओं से विधि विधान से यज्ञ हवन संपन्न करवाया। श्रद्धालुओं ने भी विधि विधान से हवन कुंड में आहुतियां डाली। इस दौरान चारों तरफ माताजी का जयकारा गूंजता रहा। कई सोसायटियों में भी अष्टमी पर यज्ञ किया गया। उत्तर भारतीय बहुल विस्तारों में सार्वजनिक दुर्गा महोत्सव के तहत बने पंडालों में भी अष्टमी पर लोगों ने हवन यज्ञ किया। हवन यज्ञ के साथ कई जगहों पर कन्या पूजन भी किया गया। इस दौरान देवी गीत से पंडाल गुंजायमान रहे। कई घरों में भी नौ दिनों तक पाठ और माता का कलश स्थापित कर पूजा की जा रही है। ऐसे परिवारों ने भी कन्या पूजन कर भोजन करवाया।
दूसरी तरफ सभी देवी मंदिरों में अष्टमी पर भक्तों की भीड़ रही। देवी मंदिरों की विशेष सजावट भी की गई है। मंदिरों में पूजा अर्चना करने के साथ श्रद्धालुओं को रोशनी भी आकर्षित करती रही। वापी के सबसे बड़े देवी मंदिर अंबामाता मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ रही।