दो दिवसीय 110वीं ऑल इंडिया मेयर काउंसिल शनिवार से सूरत के एक रिसॉर्ट में शुरू हुई। मेयर काउंसिल का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियों के साथ ही भविष्य की योजनाओं का खाका भी सामने रखा। बढ़ते शहरीकरण की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में 45 फीसदी गांवों का शहरीकरण हो चुका है। शहरों का हिस्सा बने गांवों तक प्राथमिक सुविधाएं पहुंचनी चाहिए। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है और अर्बन डवलपमेंट के लिए हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्वराज्य की संस्थाओं को विकास के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी।
हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि शहर के सुनियोजित विकास के लिए राज्य सरकार महापौरों को और अधिक अधिकार संपन्न बनाएगी। उन्होंने कहा कि गुजरात समेत देश के कई शहर दुनिया के आधुनिक शहरों के साथ खड़े होने की क्षमता रखते हैं। जहां मानव वहां सुविधा और विवाद नहीं संवाद का नारा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार सकारात्मक तरीके से सबको साथ लेकर आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पानी के रिसाइकल और रियूज को लेकर गंभीर है। जल प्रबंधन की नीतियों का नतीजा है कि गुजरात के हर शहर में 2022 तक हर नल में पानी होगा। महापौर डॉ. जगदीश पटेल ने वर्ष 1994 में शहर में आए प्लेग और वर्ष 2006 में आई बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि विपदाएं विकास की राह नहीं रोक सकतीं। शहर हर बार विपदाओं से निखर कर और तेजी से आगे बढ़ा है।
1962 में शुरू हुई थी मेयर काउंसिल ऑल इंडिया मेयर काउंसिल का गठन वर्ष 1962 में हुआ था। यह 218 नगर निगमों का संगठन है, जिसमें महापौर अपने नगर निगम का प्रतिनिधित्व करते हैं। काउंसिल की 110वीं बैठक का आयोजन सूरत में हो रहा है। पहले दिन अन्य शहरों के महापौरों ने भी अपनी बात रखी।