नावाडीह बाजार से वैन में सवार होकर अपने गांव मुरका लौट रहे थे सभी, ग्राम सिलफिली जंगल में सड़क पर था 14 हाथियों का दल
Elephants broken van
प्रतापपुर. वैन सवार 5 व्यक्ति शनिवार की रात लगभग 8 बजे नावाडीह बाजर से वापस घर मुरका जा रहे थे। रास्ते में सिलफिली जंगल में सड़क किनारे उनका सामना 14 हाथियों से हो गया। इससे वे दहशत में आ गए, इस दौरान चालक ने सुझबूझ का परिचय देते हुए वाहन को बैक किया तो हाथी वाहन की और दौड़ पड़े।
इस पर अपनी जान आफत में देख वैन में सवार सभी लोग तत्काल उतरकर भाग गए। इसके बाद हाथी वैन पर टूट पड़े और वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। इधर वैन सवार लोगों ने जंगल के ही पास एक घर में रात बिताई।
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड स्थित ग्राम मुरका निवासी जहीर खान अपनी वैन क्रमांक सीजी 04 डीए 5070 में शनिवार को परिवार की चार महिला सदस्य तहरा खातून, राजदीन बीबी, पीरन बीबी व अखतरुन के साथ ग्राम नावाडीह बाजार करने गया था।
यहां से लौटते वक्त रात लगभग 8 बजे ग्राम सिलफिली जंगल में सड़क किनारे इनका सामना 14 हाथियों से हो गया। हाथी बीच सड़क पर ही खड़े थे, इसकी वजह से वे आगे नहीं बढ़ सके। इस दौरान चालक जहीर सुझबूझ का परिचय देते हुए वाहन को बैक करने लगा, लेकिन हाथियों का दल वाहन की ही ओर तेजी से बढ़ गया।
इससे अपनी जान आफत में देख वैन सवार सभी लोग उतरकर भाग गए। भागते समय एक महिला अखतरुन जंगल में गिर गई और बाकी के चार लोग पास के ही एक घर में जाकर छिप गए। इधर हाथी वैन पर टूट पड़े। हाथियों ने वाहन को धकेलकर किनारे करने के बाद बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
कुछ देर सड़क के आसपास रहने के बाद हाथी जंगल की ओर चले गए, तब घर में छिपे वैन सवार बाहर निकले तो महिला को न पाकर उसे ढूंढने जंगल की ओर गए। महिला जंगल में गिरी मिली, उसे मामूली चोट आई थी, इसके बाद वे महिला को साथ लेकर वापस उसी घर में चले गए और पूरी रात वहीं काटी।
वन विभाग के खिलाफ फूटा आक्रोश सुबह घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय ग्रामीणों का वन विभाग के खिलाफ आक्रोश फूट पड़ा। सूचना के बावजूद वन कर्मचारी काफी देर से पहुंचे। ग्रामीणों ने सड़क पर चक्काजाम कर दिया। ग्रामीण मुआवजा व उच्च अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़ गए।
इस पर वन कर्मचारियों की सूचना पर रेंजर रामशरण राम, एसडीओ प्रभाकर खलखो, प्रतापपुर एसडीओपी राकेश पाटनवार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। एसडीओपी ने ग्रामीणों को समझाइश दी तथा वाहन मालिक को मुआवजा सहित अन्य मांगों पर उचित पहल करने का आश्वासन दिया। तब जाकर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ और उन्होंने विरोध प्रदर्शन समाप्त किया।
मौत की फैल गई थी अफवाह सुबह कुछ ग्रामीणों ने अफवाह फैला दी थी कि हाथियों ने वैन सवार लोगों को कुचलकर मार डाला है। लेकिन जब अफसर मौके पर पहुंचे तो पता चला सभी सही सलामत हैं और हाथियों ने सिर्फ वाहन को ही नुकसान पहुंचाया है।
इस दौरान लोगों ने बताया कि कुछ माह पूर्व भी बाजार कर वापस लौट रहे एक व्यक्ति को इसी जंगल में हाथियों ने कुचलकर मार डाला था, इसके बावजूद वन विभाग द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। वन विभाग द्वारा बेरिकेटिंग के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है।
वैन सवारों की दहशत में बीती रात वैन चालक ने बताया कि उन्हें दूसरी जिंदगी मिली है, वाहन से उतरने में थोड़ी भी देर हुई होती तो हाथी उन्हें कुचलकर मार डालते। हाथियों ने वाहन को खिलौने की तरह सड़क किनारे धकेलकर तोड़ डाला तथा अंदर रखे सामान को भी पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। वैन सवार लोगों ने प्रशासन से नुकसान के मुआवजे की मांग की है।
मुआवजा के आश्वासन पर मान गए ग्रामीण ग्रामीणों ने चक्काजाम किया था। हमने मौके पर जाकर मुआवजा देने का आश्वासन दिया तब वे मान गए। प्रभाकर खलखो, एसडीओ, प्रतापपुर लगाएंगे बांस का बैरियर बांस का बेरियर लगाकर हाथियों से लोगों को सचेत करने का काम किया जाएगा। वाहन मालिक को जो नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा दिया जाएगा। रामशरण राम, रेंजर, प्रतापपुर