scriptहाईकोर्ट के आदेश पर अमेठी के पूर्व एसपी कुंतल किशोर गहलोत समेत आठ पुलिकर्मियों पर केस दर्ज | FIR lodged against ex SP of amethi and other police officers | Patrika News

हाईकोर्ट के आदेश पर अमेठी के पूर्व एसपी कुंतल किशोर गहलोत समेत आठ पुलिकर्मियों पर केस दर्ज

locationसुल्तानपुरPublished: Dec 01, 2018 12:50:49 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

मुसाफिरखाना थाने में अमेठी जिले के पूर्व एसपी केके गहलोट समेत 8 पुलिस कर्मियों और एक जीप स्वामी के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

police

हाईकोर्ट के आदेश पर अमेठी के पूर्व एसपी कुंतल किशोर गहलोत समेत आठ पुलिकर्मियों दर्ज हुई एफआईआर

सुल्तानपुर. एक अधिवक्ता को रास्ते से अगवा कर उसे अज्ञात स्थान पर ले जाकर मारने पीटने के मामले में मुसाफिरखाना थाने में अमेठी जिले के पूर्व एसपी केके गहलोट समेत 8 पुलिस कर्मियों और एक जीप स्वामी के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। केस हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है और इस मामले की विवेचना सुल्तानपुर पुलिस करेगी।
पुलिस ने रास्ते से अधिवक्ता का किया था अपहरण

मामला मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के ऊंचगांव का है, जहां पर बीते 24 फरवरी को पुलिस के जरिए खनन की अवैध वसूली का मामला सामने आया था। वसूली के विरोध में ग्रामीणों व पुलिस के बीच में विवाद भी हुआ। मामले में गांव निवासी अधिवक्ता व प्रधान प्रतिनिधि राघवेंद्र द्विवेदी सहित अन्य ने हस्तक्षेप किया तो पुलिस ने उन्हीं के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर मुल्जिम बना दिया। इसके बाद अधिवक्ता राघवेंद्र को कुड़वार नाका के पास से एनकाउंटर का बहाना बना कर उनका अपहरण किया गया।
मामला जब डीजीपी तक पहुंचा तो बची थी जान

मामला डीजीपी तक पहुंच गया, तो अपने मंसूबों में नाकामयाब पुलिस बीते 27 फरवरी को अधिवक्ता राघवेंद्र को रिमांड के लिए सीजेएम कोर्ट ले गई। इस दौरान उनका मेडिकल सामान्य दर्शाते हुए पेश किया गया। हालांकि, अधिवक्ता को काफी चोटें लगी दिख रही थी, इसलिए अधिवक्ताओं ने विरोध जताते हुए कोर्ट से पुन:मेडिकल कराने की मांग की। इस बात पर संज्ञान लेते हुए तात्कालीन सीजेएम ने घायल अधिवक्ता का दोबारा मेडिकल कराने का आदेश दिया। हालत सामान्य न मिलने पर उन्हें इलाज के लिए ट्रामासेंटर लखनऊ रेफर किया गया। दस दिनों तक अधिवक्ता का लखनऊ ट्रामा सेंटर में इलाज चला ।
पुलिस की इस मनमानी पर अधिवक्ता की पत्नी सुमन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। दाखिल याचिका में कहा गया था कि अलीगंज चौकी पुलिस व मुसाफिरखाना कोतवाली ने फरवरी में उनके पति का अपहरण किया था। एनकाउंटर की साजिश विफल होने पर पुलिस ने उनके पति जानलेवा हमला किया व उनकी खूब पिटाई की। सुमन की याचिका पर हाईकोर्ट ने मानवाधिकार से मामले की जांच कराने का आदेश दिया। आयोग की जांच में तात्कालीन मुसाफिरखाना कोतवाल पारसनाथ सिंह,एसआई दिनेश सिंह, आरक्षी सूर्य प्रकाश,देवेश कुमार,पुष्प राज,ऋषिराज,तात्कालीन बाजार शुकुल थानाध्यक्ष अरविंद तिवारी,एसआई क्राइम ब्रांच शिवकांत प्रथम दृष्टया अधिवक्ता राघवेंद्र द्विवेदी को पुलिस अभिरक्षा में चोट पहुंचाने के दोषी पाये गये।
इस मामले में आयोग की रिपोर्ट दाखिल होने के बाद सभी पक्षकारों की तरफ से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया गया। सुनवाई के पश्चात हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय लांबा व दिनेश कुमार सिंह की डबल बेंच ने तहरीर मिलते ही आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच कराने एवं डे-बाई-डे मानीटरिंग के लिए एसपी को आदेश दिया। हाईकोर्ट ने मानवाधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट को भी तफ्तीश का अंग बनाने की बात कही है। बीते 26 नवम्बर को अधिवक्ता राघवेंद्र द्विवेदी ने मौजूदा एसपी को तहरीर दी जिस पर तत्कालीन एसपी कुंतल किशोर गहलोत समेत आठ पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। लेकिन दर्ज मुकदमे में खेल करने और दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए विवेचना एक सबइंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को देकर मामले में वारा- न्यारा कराने की साजिश की गई है ।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो