प्रदेश के हिस्से में संतोषजनक हुआ काम: विधायक बिहाणी
श्रीगंगानगर. विधायक जयदीप बिहाणी ने कहा कि नहर बंदी के दौरान गंगनहर के पंजाब वाले हिस्से में सफाई के नाम पर कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने राजस्थान वाले हिस्से में सफाई के कार्य पर संतोष जताया है। विधायक ने कहा कि गंगनहर में बंदी इसकी साफ -सफाई के लिए ली गई थी। राज्य के जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने प्रशासन को पहले ही आगाह कर दिया था कि गंगनहर की सफाई के काम में कोई कोताही नहीं बरती जाए। विधायक का कहना है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस मामले में निगाह रखी। अपने प्रतिनिधि के तौर पर रेग्युलेशन कमेटी के हरजिन्दर मान को भेजा। मान ने पटरी- पटरी जाकर मौके को देखा। कुछ जगहों पर कमियां पाई गई। इन्हें सुधारने के लिए एसई को निर्देशित किया गया। विधायक ने कहा कि पंजाब वाले हिस्से में गंगनहर की सफाई के नाम पर कोई काम नहीं हुआ। हांलाकि राजस्थान सरकार ने पंजाब को पहले ही बता दिया था कि हमारे यहां आचार संहिता लागू है। आचार संहिता के खत्म होने पर उसके हिस्से का भुगतान कर दिया जाएगा। गंगनहर की कुछ वितरिकाओं की सफाई के काम में किसानों का भी सहयोग रहा है। बिहाणी ने आरोप लगाया कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार नहरी तंत्र को माध्यम बना कर राजनीति कर रही है।सफाई के नाम पर खानापूर्ति, अतिरिक्त सचिव को शिकायत
श्रीगंगानगर. गंगनहर पुल में बेड एवं नहर के साइडों में सफाई के नाम पर फिर खानापूर्ति की गई है। यह कहते हुए भाजपा नेता एडवोकेट रजत स्वामी ने जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार से शिकायत की है। स्वामी ने एसीएस को भेजी शिकायत में बताया है कि गंगनहर जल संसाधन वृत्त गंगनहर के अधिकारी राज्य सरकार की ओर से प्रदत्त शक्तियों को प्रोजेक्ट कमेटी के आगे सरेंडर करते हुए करोड़ों रुपए का नुकसान कर रहे हैं। भाजपा नेता स्वामी ने बताया कि आरडब्लूएसआरपी अधिनियम में स्पष्ट कहा गया है कि वृहत और मध्यम परियोजनाओं की मुख्य नहर, उनकी शाखाओं ओर बड़ी वितरिकाओं के प्रचालन ओर रख-रखाव का दायित्व/सिंचित क्षेत्र के विकास का कार्य जल संसाधन विभाग का ही होगा। स्वामी ने बताया कि 95 किलोमीटर लंबी गंगनहर में बेड एवं साइडों में सफाई, मलबा कचरा और सिल्ट उठाव के कार्य का टेंडर किया गया था, जबकि अभी तक सफाई के नाम पर 18 से 20 किलोमीटर में ही कार्य हुआ है, जो महज खानापूर्ति है। स्वामी ने बताया कि एसएसबी रोड स्थित गंगनहर पुल में सफाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए नहर में जमा सिल्ट-कचरा-मलबा नहर में ही एक साइड में इकठ्ठा कर दिया था जो नहर में पानी आने के साथ नहर में ही आगे बहकर चला गया। इससे नहर का पानी दूषित हो गया।स्वामी ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।‘गंगनहर में निर्माण कार्यों में कथित भ्रष्टाचार की जांच एसओजी से करवाएं’
श्रीगंगानगर. गंगनहर में विभाग की ओर से नहरबंदी के दौरान करवाए गए निर्माण, सफाई व अन्य कार्यों में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच एसओजी से करवाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा विभाग को पहुंचाए गए आर्थिक नुकसान की भरपाई करने की मांग का ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया है।ज्ञापन में भाजपा विधि प्रकोष्ठ के सह संयोजक एडवोकेट प्रताप ङ्क्षसह शेखावत ने कहा है कि हर वर्ष बंदी लेकर ङ्क्षसचाई विभाग की ओर से गंगनहर में तथा विभिन्न हेडों पर साफ सफाई, निर्माण, नहरों के बेड की सफाई आदि का कार्य किया जाता है। जल संसाधन वृत्त, श्रीगंगानगर में गंगनहर परियोजना प्रबन्धक ने बीकानेर कैनाल से शिवपुर हैड तक व गंग कैनाल शिवपुर हैड से डाबला हेड तक की करीब 90 किलोमीटर लम्बाई में मुख्य नहर के तल में, पानी के साथ बहकर साथ आई जमा बरेती की नीलामी अपने स्तर से समाचार-पत्रों में प्रकाशित करवाकर खुद ही बोली प्रक्रिया को सम्पन्न करवा दिया। आरोप है कि धनराशि सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाई गई। मुख्य नहर में शिवपुर हैड से डाबला हैड तक कूड़ा, कचरा और भारी मात्रा में झाड़-झंखाड़ मंगलवार को पानी पहुंचने से पहले तक जमा थे। नहरबंदी के दौरान सफाई व मरम्मत कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपए का बजट जिस कार्य के लिए खर्च किया जाता है, उसे सम्पूर्ण करवाए बिना ही ठेकेदार फर्मों को भुगतान कर दिया गया। ऐसे में कथित भ्रष्टाचार की जांच एसओजी से करवाने और अनियमित भुगतान की वसूली करने की मांग की गई है।