scriptमच्छर हैं जहां, मलेरिया हैं वहां | Patrika News
श्री गंगानगर

मच्छर हैं जहां, मलेरिया हैं वहां

– हर साल बचाव की गाइड लाइन, धरातल पर मच्छरों से निजात नहीं

श्री गंगानगरApr 25, 2024 / 12:56 am

surender ojha

श्रीगंगानगर में सफाई करती शहरी मनरेगा

श्रीगंगानगर.मच्छरों की भरमार होने से मलेरिया रोग का दर्द अब तक इलाके से बाहर नहीं हो पाया है। सरकारी अस्पतालों में हर साल रोगियों की संख्या बढ़ रही है, यह आंकड़ा एकत्र भी होता है लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में उपचार कराने वाले रोगियों का जिक्र नहीं होता। करीब पचास फीसदी लोग मलेरिया का उपचार प्राइवेट क्लिनिक या चिकित्सकों से करवाते है लेकिन इनमें से एक भी रोगी का रेकार्ड जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। वहीं राज्य सरकार हर साल मलेरिया से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी करके लोगों को अलर्ट भी करती है लेकिन धरातल पर मच्छरों से अब तक निजात नहीं मिल पाई है। करीब तीन दशक पहले जिला मुख्यालय पर मलेरिया नियंत्रण की टीम भी गठित थी लेकिन धीरे धीरे से खत्म कर दिया गया। अब सीएमएचओ ऑफिस में एक मात्र बाबू रहा है, उसे भी सांख्यिकी अधिकारी के तौर पर सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों से सूचना के लिए रखा गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गतिविधियों को धरातल पर उतारने के लिए एएनएम या आशा सहयोगिनों का सहारा लिया जा रहा है।

मादा एनाफिलीज मच्छर से होता है यह मलेरिया

मच्छरजनित तमाम प्रकार के रोगों का वैश्विक जोखिम देखा जाता रहा है, मलेरिया इसी तरह की एक गंभीर बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। मलेरिया एक प्रकार के परजीवी से होने वाली बीमारी है, ये संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है।मादा एनाफिलीज मच्छर से यह मलेरिया होता है। आंकड़ों के मुताबिक हर साल लाखों लोगों की मलेरिया के कारण मौत हो जाती है। दुनियाभर में मलेरिया रोग को नियंत्रित करने के प्रयासों पर जोर देने और बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है

Home / Sri Ganganagar / मच्छर हैं जहां, मलेरिया हैं वहां

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो