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श्री गंगानगर

Video: कोयला खत्म होने से सूरतगढ़ थर्मल की एक इकाई से बिजली उत्पादन ठप

नही हो रही पर्याप्त कोयला आपूर्ति, अन्य इकाईयो का बिजली उत्पादन भी हो सकता है प्रभावित

श्री गंगानगरApr 27, 2018 / 03:45 pm

सोनाक्षी जैन

suratgarh thermal plant latest news

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सूरतगढ़ थर्मल। लगातार कोयला संकट से जूझ रही सूरतगढ सुपर थर्मल परियोजना की एक इकाई से गुरुवार मध्य रात्रि को कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन ठप हो गया। फिलहाल 1500 मेगावाट क्षमता के सूरतगढ़ थर्मल की पाँच इकाईयों से क्षमता से कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। परियोजना के मुख्य अभियन्ता एम एल शर्मा ने बताया कि गुरुवार मध्य रात्रि 2 बजकर 40 मिनट पर 250 मेगावाट की छठी इकाई को परियोजना में पर्याप्त कोयला स्टॉक नही होने के कारण बन्द करना पड़ा है।
भविष्य में कोयला आपूर्ति में सुधार होने पर बन्द की गई इकाई को पुनः चलाया जाएगा। नही हो रहा कोयला आपूर्ति में सुधार- पिछले कई माह से कोयला संकट झेल रहे 1500 मेगावाट क्षमता के सूरतगढ़ सुपर थर्मल की 250-250 मेगावाट की इकाईयो से क्षमता से कम उत्पादन लिया जा रहा है। पिछले कई महीनों से थर्मल में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नही होने के कारण लम्बे समय तक 3 से 4 इकाईयो के बन्द होने के बावजूद कोयला स्टॉक में बढ़ोतरी नही हुई थी।
प्रदेश की छबड़ा तापीय परियोजना की 660 मेगावाट क्षमता की एक पानी की कमी के कारण, एवम 250 मेगावाट क्षमता की चौथी इकाई, कालीसिंध परियोजना की 600 – 600 मेगावाट क्षमता की दो इकाईयो सहित 600 मेगावाट की एक निजी क्षेत्र की इकाई के तकनीकी खराबी के कारण बन्द होने के से गत सप्ताह सूरतगढ़ थर्मल की 250-250 मेगावाट की सभी छह इकाईयो से बिजली उत्पादन शुरू किया गया।
लेकिन सभी इकाईयो के लिए आवश्यक 6 कोल रैक की बजाय तीन या चार कोयले के रैक की आपूर्ति होने के कारण गत 18 अप्रेल को परियोजना में कोयले का स्टॉक घट कर मात्र 30 हजार मीट्रिक टन रह गया। कोयले की कमी को देखते हए परियोजना प्रशासन ने आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासो के तहत प्रदेश की बन्द पड़ी परियोजनाओं के कोयले को सूरतगढ़ थर्मल के लिए डायवर्ट करवाया, लेकिन फिर मात्र 3 से 4 कोयले की गाड़ियां थर्मल पहुंच रही थी।
जिसके कारण परियोजना का कोयला स्टॉक गुरुवार को शून्य हो गया और 250 मेगावाट की छठी इकाई को बन्द करना पड़ा। हैंड टू माउथ की स्थित- गम्भीर कोयला संकट झेल रहे सूरतगढ़ सुपर थर्मल में आगामी 5-6 दिनों तक कोयला आपूर्ति में सुधार की उम्मीद नज़र नही आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार परियोजना में रोजाना 4 से 5 कोयले के रैक की आपूर्ति हो रही है। जिसके कारण परियोजना हैंड टू माउथ की स्थिति में है।
अगर किसी दिन एक भी कोयले की रैक की परियोजना में कम आपूर्ति हुई तो किसी अन्य इकाई को भी बन्द करना पड़ सकता है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर शाम तक परियोजना में 6 कोयले के रैक पहुँच जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में कोयले की 17 गाड़िया पाईप लाइन में है जो आगामी 3 से 4 दिनों में परियोजना में पहुंचेंगी। इससे पुर्व सोमवार से गुरुवार तक 17 कोयले की गाड़िया परियोजना पहुँची थी।
ये है कारण

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परियोजना में कोयला आपूर्ति करने वाली झाड़खंड, छत्तीसगढ़ कोयला खदानों को रेलवे द्वारा खाली कोल वैगन उपलब्ध नही करवाने, एवम कोयला खदानों से कोल वैगन जल्दी लोड न करने के कारण प्रदेश की सभी तापीय परियोजनाओं में कोयला संकट की स्थिति है।
दोपहर दो बजे तक परियोजना की 250 मेगावाट की प्रथम इकाई से 249 मेगावाट, 250 मेगावाट की द्वितीय इकाई से 254 मेगावाट, 250 मेगावाट की तृतीय इकाई से 232 मेगावाट, 250 मेगावाट की चतुर्थ इकाई से 239 मेगावाट एवम 250 मेगावाट की पाँचवी इकाई से 241 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा था।

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