अध्यक्ष बंटी वाल्मीकि ने बताया कि लगभग 200 महिलाएं एवं युवतियां हाथ में आसमानी ध्वज लिए हुए चल रही थी। बैण्ड बाजे, ढोलक की थाप के बीच भगवान वाल्मीकि के जयकारे लग रहे थे। सजी हुई घोड़ा बग्घियां चल रही थी। भगवान वाल्मीकि, सन्त कबीर, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, सन्त रविदास के बड़े चित्र सजाए हुए थे। काफी जने पैदल साथ रहे। गतका पाटीज़् ने अपनी कला का प्रदशज़्न कर अचम्भित किया।
बुधवार सुबह 10 बजे वाडज़् नम्बर 5 स्थित वाल्मीकि अनंत (मन्दिर) में सत्संग एवं भण्डारा रखा गया है। सोमवार को वाल्मीकि प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में चार दिवसीय अखण्ड ज्योत लक्ष्मी वाल्मीकि, शांति वाल्मीकि, मेवा देवी एवं बादो वाल्मीकि ने प्रज्वलित की थी।