जानकारी के अनुसार नगरपालिका ने जल संसाधन विभाग की आरसीपी कालोनी से सडक़ की चौड़ाई बढाने के लिए जमीन अधिग्रहण की थी। करीब 18 माह पहले नगरपालिका ने सडक़ के पुन:निर्माण के लिए 49 लाख रुपए का बजट पारित कर वर्क आर्डर जारी किया था।
इस निर्माण कार्य के दौरान सडक़ की चौड़ाई बढ़ाई जानी थी। ऐसे में यहां बने नाले को भी करीब दस फुट दूर दीवार की ओर बनाया जाना था। यहां नाला निर्माण तो शुरू हुआ लेकिन आधी दूरी तक पहुंचने के बाद आगे न्यायालय भवन के लिए प्रस्तावित भूमि राह में बाधा बन गई। असल में यह भूमि पूर्व में न्यायालय भवन के लिए आवंटित है तथा इसी रास्ते से नाला बनाया जाना था, ऐसे में न्यायालय प्रशासन ने नगर पालिका को यह भूमि पूर्व में आवंटित होने जानकारी दी। इस पर निर्माण रुकवा दिया गया।
वहीं अब तक सडक़ निर्माण नहीं होने से इस मार्ग पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। नगरपालिका के कनिष्ठ अभियंता मोहनलाल ने बताया कि सडक़ निर्माण की जगह के आगे कोर्ट की भूमि होने के कारण नाले का निर्माण नहीं हो पाया है।