इन बसों में प्रशासन रोडवेज की बसों को ले लेता है और इधर-उधर भेजता रहता है। इस कारण जहां पर रोडवेज की बसें चल रही होती है। वह रूट या तो बंद करना पड़ता है या फिर इस रूट पर बसों की संया कम करनी पड़ती है। इसके बाद इस रूट पर लोक परिवहन और निजी बसों के संचालक धीरे-धीरे मार्ग पर अपना दबदबा बना लेते हैं। इसके बाद में रोडवेज को आर्थिक नुकसान होता है।
निगम की फरवरी में अनुबंध की पांच और 31 मार्च 2024 को दस बसें बंद कर दी गई। तीस अप्रेल को अनुबंधित छह स्लीपर बसें बंद की जाएंगी। गौरतलब है कि पिछले तीन माह में रोडवेज की अनुबंधित 21 बसों का संचालन बंद हो चुका है। डिपो की इतनी बसें बंद होने पर इनके रूट पर अब कोई बस नहीं है।