राजस्थान की नहरों में पंजाब की फैक्ट्रियों एवं गंदे नालों का दूषित पानी मिलाए जाने के विरोध में चलाई जा रही मुहिम के तहत जिले भर में आन्दोलन शुरू हो चुका है। सोमवार को इस सबंध में दूषितजल असुरक्षित कल जन जागरण समिति अभियान के माध्यम से शहर के लोगों में जागृति लाने के उदे्श्य से उपखण्ड कार्यालय के समक्ष बिना किसी राजनीतिक मंच के एक सभा का आयोजन करते हुए सरकार एवं प्रशासन को सावचेत करने का ऐलान किया गया।
इस अवसर पर व्यापार मंडल अध्यक्ष भजनलाल कामरा, भामाशाह मोहित छाबड़ा, वरिष्ठ व्यापारी दिवानचंद चुघ, नगरपालिका उपाध्यक्ष साहिल कामरा, अध्यक्ष निर्मला गोदारा, नेता प्रतिपक्ष सतपाल मुंजाल,भाजपा नेता मनोज जोशी, अविनाश डाबी सहित शहर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं जनप्रतिनिधियों व समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे। इस अवसर पर वक्ताओं ने पंजाब से राजस्थान की नहरों में आ रहे दूषित पेयजल को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह मुद्दा बहुत ही गम्भीर है, क्योंकि इस दूषित पानी का असर आने वाली पीढिय़ों पर होगा।
इस लड़ाई को सभी को मिल जुलकर सांझे रूप से लडऩा होगा। इस आन्दोलन संघर्ष को बिना किसी स्वार्थ एवं बिना राजनीति के चलाना होगा। वक्ताओं ने कहा कि इस अभियान में गांव-गांव तक लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए और प्रशासन तथा सरकारों को इसके लिए कार्रवाई करने के लिए मजबूर करने की ताकत दिखानी चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि इस दूषित पानी से कैंसर जैसा गम्भीर रोग बड़ी मात्रा में फैल रहा है, घर-घर में दूषित पानी से बीमारियां पैदा हो रही हैं, ऐसे में अगर हमें अपने परिवारों को बचाना है तो संघर्ष के लिए जागरूक होना होगा। किसान नेता जलंधर सिंह तूर ने समस्त जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें जनता की चिंता नहीं है, क्योंकि उन्हें बेसलेरी का पानी पीने को मिलता है।
इस सबंध में उपखण्ड अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में लिखा गया कि राजस्थान के 8 जिलों को नहरों के जरिए पीने का पानी व कृषि के लिए पानी उपलब्ध होता है। इन नहरों को पंजाब की नदियों से पानी वितरण किया जाता है। पंजाब में विभिन्न शहरों की फैक्ट्रियों का रसायन युक्त जहरीला पानी, अस्पतालों का मैडिकल बायोवेस्ट, घरों का गंदा पानी व सीवरेज का पानी सीधे नदियों में डाला जाता है। यही जहरीला पानी नहरों के जरिए राजस्थान के लोगों को मिलता है। इस जहरीले पानी का सेवन करने से इलाके के लोगों को असाध्य रोग जैसे कैंसर, काला पीलिया, जिगर के रोग, किडनी के रोग व चर्म रोग हो रहे हैं।
ज्ञापन में जानकारी देते हुए बताया कि एन.जी.टी. के निर्देशानुसार पंजाब सरकार को इस जहरीले पानी को नदियों में डालने से रोका जाए, ताकि राजस्थान के करोड़ों लोगों का जीवन सुरक्षित रह सके। ज्ञापन में समिति ने चेतावनी देते हुए लिखा है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो मजबूरन क्षेत्रवासियों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा। उपखंड अधिकारी मनमोहन मीणा ने इस समस्या को वाजिब मानते हुए दूषितजल असुरक्षित कल जन जागरण समिति को आश्वस्त किया है कि इस समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा।