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श्री गंगानगर

श्रीगंगानगर डिपो की एक भी बस में नहीं लगा जीपीएस

-श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ सहित राज्य के 52 डिपो की 2000 हजार बसों में लगाना था

श्रीगंगानगर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों की लाइव लोकेशन प्राप्त करने के उद्देश्य से निगम की बसों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाकर इनको एक ऐप से जोड़ा जाना था। लेकिन, श्रीगंगानगर आगार डिपो ही नहीं बीकानेर संभाग में आने वाले बीकानेर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़ व सरदारशहर डिपो की निगम की एक भी बस में जीपीएस नहीं लगा है।

श्री गंगानगरApr 27, 2024 / 12:41 pm

Krishan chauhan

  • श्रीगंगानगर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों की लाइव लोकेशन प्राप्त करने के उद्देश्य से निगम की बसों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाकर इनको एक ऐप से जोड़ा जाना था। लेकिन, श्रीगंगानगर आगार डिपो ही नहीं बीकानेर संभाग में आने वाले बीकानेर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़ व सरदारशहर डिपो की निगम की एक भी बस में जीपीएस नहीं लगा है। श्रीगंगानगर डिपो की 98 बसों में जीपीएस लगाया जाना था। जीपीएस की मॉनिटरिंग अभय कमांड से होनी थी। जीपीएस लगा तो बसों की मॉनिटरिंग मुख्यालय और डिपो स्तर पर हो सकेंगी। डिपो की प्लाइंग जीप में भी जीपीएस लगाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नई सरकार ने प्रदेश की दो हजार बसों को जीपीएस से जोडऩे को लेकर आदेश जारी किया था।

जीपीएस के ये लाभ

-ओवरस्पीड का पता चलने पर चालक के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी
-किसी महिला यात्री के साथ छेड़छाड़ की घटना का पता लगने पर तुरंत संबंधित थाने की पुलिस पुलिस पहुंच सकेगी।

-बस किसी स्टैंड पर बस नहीं जा रही है उसका पता चल सकेगा

यात्रियों को लाइव लोकेशन का पता चलेगा

रोडवेज की 2000 बसों में जीपीएस लगाने का काम चल रहा है। जीपीएस लगाने से यात्री ऐप पर देख सकेंगे कि आसपास कितनी रोडवेज बसों का संचालन हो रहा है। जिस बस का टिकट यात्री ने बुक किया है, वह बस कितनी देर में बस स्टैंड पर आएगी और कहां पर हैं। किस रूट पर चल रही है। इससे यात्रियों के समय की बचत होगी और यात्री बसों के समय के हिसाब से बस स्टैंड पर पहुंच सकेंगे।

प्रदेश की दो हजार बसों में लगना था

वर्तमान में प्रदेश में रोडवेज की कुल 2800 बसें है। इनमें से दो हजार बसों में जीपीएस लगाया जाना था। इसके तहत विभिन्न चरणों में अप्रेल अंत तक सभी बसों में प्रक्रिया पूरी करनी थी। श्रीगंगानगर डिपो की करीब 98 बसों में जीपीएस लगाया जाना है, लेकिन फिलहाल नहीं लग पाया।

बस ओवरस्पीड तो नहीं …

जीपीएस सिस्टम लगने के बाद अधिकारी एप के माध्यम से ही बसों की गति की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। बस ओवर स्पीड होगी तो उसकी जानकारी भी एप से मिल जाएगी। चालक की ओर से बस को नियत गति से चलाने से ईंधन की बचत होगी। इसके साथ ही चालक की स्किल को मापने में भी मदद मिलेगी।
श्रीगंगानगर डिपो की 98 बसों में जीपीएस व पैनिक बटन लगाया जाना है। जिस फर्म को काम दिया हुआ है, उसने अभी तक संभाग में काम शुरू नहीं किया। अन्य डिपों में यह काम चल रहा है। जल्दी ही जीपीएस लगाया जाएगा, साथ ही मैनेजर ऑपरेशन व एक अन्य कार्मिको को प्रशिक्षण देकर दक्ष भी किया जा रहा है।
नरेंद्र चौधरी, संचालन प्रबंधक (मैनेजर ऑपरेशन) राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, श्रीगंगानगर।

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