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श्री गंगानगर

नए कपड़े और चप्पल मिली तो खिले उठे चेहरे

-अब घर जाना चाहते हैं सभी

श्री गंगानगरMay 06, 2018 / 06:05 am

pawan uppal

vivek ashram
श्रीगंगानगर.

बंधक बनाकर बालश्रम कराने से मुक्त कराए गए 23 बच्चे शनिवार को नए कपड़े व चप्पल पहनकर खुश नजर आए। अब बच्चों का कहना है कि वे घर जाना चाहते हैं।
गुरुवार को चाइल्ड लाइन और मानव तस्करी विरोधी यूनिट की ओर से एक चूड़ा फैक्ट्री से मुक्त कराए 23 बच्चों को शहर के समीप स्थित विवेक आश्रम में रखा हुआ है। जहां उनको प्रतिदिन नहलाया जा रहा है, जबकि वे चूड़ा फैक्ट्री में बंधक बने हुए थे और कई-कई माह तक नहाने नहीं दिया जाता था और ना ही उनको भरपेट भोजन मिलता था। न पैरों में चप्पल और न ही तन पर कपड़े।
शनिवार को पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने के बाद तपोवन चाइल्ड लाइन के महेश पेड़ीवाल व जिला समन्वयक त्रिलोक वर्मा बच्चों के लिए कपड़े लेकर पहुंचे और बाल श्रम से मुक्त बच्चों को नए कपड़े पहनाए गए। उन्हें आश्रम में नई चप्पलें भी मिली। नए कपड़े व चप्पल पहनकर बच्चे काफी खुश नजर आए। इस दौरान बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अधिवक्ता लक्ष्मीकांत सैनी, सदस्य जगदीश चंदेल व प्रदीप घेरड़ मौजूद थे।

इस दौरान आश्रम में मौजूद बच्चों ने चाइल्ड लाइन व बाल कल्याण समिति अध्यक्ष से उनके घर भेजे जाने की बात कही। पुलिस व चाइल्ड लाइन व समिति की ओर से बच्चों के परिजनों का पता लगाया जा रहा है। परिजनों का पता चलने के बाद उनकी आईडी व सबूत देने के बाद बच्चों को उनके सुपुर्द किया जाएगा। उधर, पुलिस फैक्ट्री के मालिक की तलाश कर रही है।

बच्चों के परिजनों में जागरुकता का अभाव
बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों के परिजनों में जागरुकता के अभाव के कारण ही ऐसे मामले आते हैं। चाइल्ड लाइन के समन्वयक ने बताया कि इन बच्चों के परिजन गरीबी के कारण ना तो खुद ही जागरूक है और न ही अपने बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं। मुक्त कराए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए उचित व्यवस्था का अभाव बना हुआ है। मुक्त होने के बाद परिजन कुछ दिन बाद फिर उनको इसी अंधेरे काम में धकेल देते हैं और दलाल लेकर किसी दूसरे शहर पहुंच जाते हैं।

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