सात साल से चल रह है कोचिंग–सरकारी कॉलेज में पिछले सात साल से विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही थी। अभी तक 2500 गरीब परिवार के विद्यार्थी यहां से कोचिंग लेकर विभिन्न पदों पर जा चके हैं लेकिन पहले सरकारी कॉलेज के विद्यार्थियों को कोचिंग की सुविधा दी जा रही थी लेकिन पिछले पांच माह से सरकारी कॉलेज के विद्यार्थियों के अलावा बाहर के विद्यार्थियों को दक्षता कार्यक्रम के तहत नि:शुलक कोचिंग करवाई जा रही है। परीक्षा की तैयारी करने के लिए विद्यार्थियों में काफी जोश व उत्साह देखते ही बनता है। इसमें 50 प्रतिशत छात्र और 50 प्रतिशत छात्राएं हैं।
एक मिशन में जुटी टीम--इन विद्यार्थियों को रीजनिंग,गणित,अंग्रेजी, हिंदी,सामान्य ज्ञान आदि की तैयारी करवाई जा रही है। कुछ फैक्ल्टी महाविद्यालय की है। इनमें प्रोफेसर डॉ.अरुण शैहरियां,पटेलराम सुथार,डॉ.गोपीराम शर्मा,चंद्रपाल जांदू,डॉ.नवीन तिवाड़ी,डॉ.विक्रम सिंह देयोल और रजत भोला शामिल है। इसके अलावा कुछ फैकल्टी बाहर से आ रही है। इनमें अनिल कुमार,कुशााल अरोड़ा,विजेंद्र सहारण,आशीष अरोड़ा कोङ्क्षचग की तैयारी करवा रहे हैं। महाविद्यालय के प्रोफेसर नि:शुल्क कोचिंग करवा रहे हैं जबकि बाहर की फैकल्टी को मानदेय का भुगतान इतिहास के सहायक प्रोफेसर चंद्रपाल जांदू कर रहे हैं।
एक आदर्श शिक्षक कर्तव्य निभा रहा हूं– इतिहास के सहायक प्रोफेसर चंद्रपाल जांदू कहते हैं कि एक आदर्श शिक्षक का पहला कर्तव्य बनता है कि वह ईमानदारी के साथ देश की युवा पीढ़ी को पॉजिटिव सोच के साथ देश की उन्नति के मार्ग पर ले कर जाएं। इसलिए युवा पीढ़ी को अच्छी कोचिंग देकर प्रशासनिक सेवा में लाने की एक मुहिम है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को द्रोणाचार्य रूप शिक्षक की भूमिका निभानी चाहिए। हमारे कॉलेज की टीम का एक संकल्प है कि हमारा पूरा ध्यान युवा पीढ़ी की उन्नति व कामयाबी की तरफ लगा रखा है और आने वाले वक्त इसके बेहतर परिणाम आएंगे।