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सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर पटाखे छोड़े तो ६ महीने की सजा

चेन्नई महानगर पुलिस ने किया आगाह

चेन्नईNov 05, 2018 / 01:17 pm

Ritesh Ranjan

चेन्नई. महानगर पुलिस ने आगाह किया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ही आतिशबाजी होनी चाहिए। आदेश की अवहेलना करने पर छह महीने की सजा हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट पटाखों के उत्पादन और फोडऩे पर रोक को लेकर दायर जनहित याचिका पर निर्देश दिया था कि दिवाली पर केवल दो घंटे रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे छोड़े जाएंगे।
तमिलनाडु सरकार ने राज्य की परिपाटी के बारे में अवगत कराते हुए सुप्रीम कोर्ट में समय में बदलाव की अपील की गई। आला अदालत ने सरकार को समय चुनने का विकल्प दिया। उस आधार पर सुबह और शाम ७ से आठ बजे पटाखे छोडऩे का समय तय कर दिया गया। हालांकि कोर्ट ने यह समय दिवाली के दिन के लिए तय किया है लेकिन महानगर में पटाखे दो दिन पहले से ही फोडऩा शुरू हो गए। लोगों में रविवार रात को भी जमकर पटाखे फोडऩे का आनंद लिया।
पुलिस ने हिदायत जारी की है कि अगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय की पालना नहीं की जाती है तो छह महीने के कारावास की सजा होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना पर भादंसं की धारा १८८ के तहत छह महीने की सजा अथवा एक हजार रुपए अर्थदण्ड अथवा दोनों सजा हो सकती है।
हालांकि राज्य में आतिशबाजी को लेकर निर्धारित समय को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं हुआ है। ऐसे में पुलिस के समक्ष शीर्ष अदालत के फरमान की तामील पर निगरानी रखना बड़ा दुष्कर होगा।

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