फतेहपुर में पुलिस ने जब लाशों को कार से बाहर निकाला तो दोनों बच्चियों की लाशें अपनी मां और दादी के सीने से चिपकी मिली थीं। फतेहपुर में हुए हादसे में सामने आया कि आरके पुरम निवासी आशुतोष गोयल कार चला रहे थे। उसके बगल में हार्दिक बिंदल बैठे थे। पीछे वाली सीट पर उसकी मम्मी मंजू देवी, बीच में उनकी पत्नी स्वाति बिंदल व किनारे पर मौसी नीलम गोयल थी।
सुदीक्षा-रितीक्षा अपनी मां और दादी की गोद में बैठी थी। पुलिस को दोनों बेटियों के कंकाल उनकी मां और दादी की गोद से मिले। शव देखकर पुलिस कर्मियों व फायर ब्रिगेड कर्मियों व अधिकारियों की भी आंखें नम हो गईं।
बेटे व पत्नी का कंकाल देख बेहोश हुए मुकेश गोयल
जवान बेटे आशुतोष गोयल व पत्नी नीलम गोयल का कंकाल देखकर मुकेश गोयल बेहोश हो गए। आशुतोष गोयल व नीलम गोयल के शव की पन्नी को मुकेश गोयल को सौंपा गया। जैसे ही उन्होंने पन्नी खोली, पहले वह जोर-जोर से फूट फूटकर रोए। इसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़े।
काफी देर हो चुकी है अब तो घर आ जाओ
आरके पुरम में रहने वाले आशुतोष गोयल की पत्नी पारूल का भी रो-रोकर बुरा हाल है। वह कहती रही कि बहुत देर हो चुकी है, अब आप घर आ जाओ। सोमवार को भी वह दिनभर शव के आने के इंतजार करती रही, लेकिन पति की आखिरी बार चेहरा भी नहीं देख पाई।
एक साथ जलीं पांच चिताएं, दो बच्चों का हुआ जलप्रवाह
शवों का दाह संस्कार गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट में गंगा किनारे हुआ। एक साथ पांच चिताएं जलीं तो हर किसी की आंख भर आई। वहीं दो बच्चों को गंगा में जलप्रवाह किया गया।
हर आंख रोई…सीकर से पॉलीथिन में लिपटकर आए सिर्फ कंकाल
सीकर से सात घंटे बाद शाम को सातों लोगों के शव गाड़ी से गढ़ गंगा ब्रजघाट पहुंचे। सभी के शवों का पोस्टमार्टम हुआ था। पॉलीथिन पर शवों के नाम लिखे थे। शव के नाम पर सिर्फ कंकाल व हड्डियां ही थीं। शारदा रोड शिवशंकर पुरी में सड़क हादसे में सात लोगों की मौत की सूचना से पूर्व विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल के घर दिन निकलते ही रिश्तेदार व जानकारों का तांता लग गया।