READ : राजस्थान कर्ज माफी : दो लाख किसानों का होगा लोन माफ, यह शर्त करनी होगी पूरी
बता दें किसानों के कर्ज माफ किए जाने के बीज मध्यप्रदेश में मंदसौर किसान आंदोलन और राजस्थान में सीकर किसान आंदोलन के जरिए बोए गए थे। बात अगर सीकर किसान आंदोलन 2017 की करें तो महज 13 दिन में ही किसानों ने तत्कालीन भाजपा सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया था और 50 हजार तक के सहकारिता के लोन तो उसी समय माफ भी करवा लिए थे, मगर इसके बाद भी सीकर के किसान चुप नहीं बैठे और पूरा लोन माफ करवाने के लिए फरवरी 2018 में फिर से आंदोलन किया।
– स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने व लोन माफी समेत 13 मांगों को लेकर किसानों ने सीकर कृषि उपज मंडी में महापड़ाव डाला।
– सीकर में कृषि मंडी से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली,जिसेे न केवल टैक्सी, डीजे संचालकों बल्कि व्यापारियों का भी भरपूर समर्थन मिला।
– सीकर कृषि मंडी में महापड़ाव डाले बैठे किसानों की सरकार ने कोई सुध नहीं ली तो 10 सितम्बर 2017 से किसानों ने जाम लगा दिया।
– सीकर जिले में किसानों ने लगभग 200 मार्गों में नाके बनाए और आवागमन बाधित कर डाला। अकेले सीकर जाम की वजह से आस—पास के 8 जिले प्रभावित हुए।
– सीकर किसान आंदोलन की खास बात यह भी थी कि इसमें पुरुषों के साथ—साथ महिला किसानों ने भी मोर्चा संभाला था।
– किसानों ने जाम स्थल पर ही रात बिताने के साथ—साथ भोजन भी वहीं बनाया और खाया।
– इसके बाद तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से जयपुर में वार्ता की और 50 हजार रुपए तक के लोन माफ किए।
– 50 हजार रुपए तक की ऋण माफी योजना के दायरे में सहकारिता लोन वाले ही किसान आए थे।
– ऐसे में फरवरी 2018 में सीकर के किसानों ने सम्पूर्ण ऋण माफ किए जाने की मांग को लेकर फिर से आंदोलन किया।
– इस बार जयपुर कूच कर विधानसभा घेराव का ऐलान किया गया था। प्रदेशभर के सैकड़ों किसान जत्थे के रूप में अलग अलग जिलों से जयपुर के लिए रवाना हुए।
– राजस्थान सरकार ने किसान नेताओं को जयपुर पहुंचने से पहले ही रास्ते में कालाडेरा समेत कई जगहों से पकड़कर जेल भिजवा दिया।
– सरकार के इस कदम से शेष किसानों ने अपने नेताओं की रिहाई, कर्ज माफी समेत अन्य मांगों को लेकर फिर से जाम लगा दिया।
– दो दिन के इस जाम के बाद प्रदेश के अन्य जिलों के किसानों ने भी अपने क्षेत्र में जाम लगाने को ऐलान किया तो सरकार बेकफुट पर आ गई।
– उस समय राजस्थान सरकार ने न केवल किसान नेताओं को रिहा किया बल्कि किसानों के सम्पूर्ण कर्ज माफ किए जाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
– राजस्थान में सीकर किसान आंदोलन का ही नतीजा है कि इस बार चुनाव के बाद कर्ज माफ हो गए।