लोकायुक्त निरीक्षक कविन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि 10 जुलाई को नगर परिषद पिछोर के अध्यक्ष संजय पाराशर के पुत्र मयंक पाराशर ने ग्वालियर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि डेढ़ करोड़ के कामों के वर्कऑर्डर करने की एवज में सीएमओ सुधीर पुत्र स्व. दिनेश चंद्र मिश्रा, एक लाख रूपए से अधिक की रिश्वत मांग रहे हैं। रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग भी मयंक ने पुलिस को उपलब्ध कराई।
इस पर से लोकायुक्त पुलिस व मयंक ने मिलकर सीएमओ को रंगे हाथों पकडऩे की योजना बनाई और निर्धारित योजना के तहत शिवपुरी में रहने वाले सीएमओ मिश्रा को गुरूवार की सुबह मयंक ने फोन लगाकर पैसे देने की बात कही। इस पर सीएमओ तैयार हो गए और शाम करीब 6 बजे पैसे लेने के लिए शहर के टूरिस्ट विलेज होटल पहुंच गए। यहां पर मयंक ने सीएमओ मिश्रा को एक लाख 17 हजार रूपए दिए, पहले से ही बैठी लोकायुक्त पुलिस ने तुरंत सीएमओ को उक्त रिश्वत के पैसों के साथ दबोच लिया।
पुलिस के पकड़ते ही सीएमओ बोलने लगे कि मुझको तो फंसाया जा रहा है। पुलिस ने जब सीएमओ के हाथ धुलाए तो पैसो से लगे पाउडर के फेर में सीएमओ के हाथ गुलाबी हो गए। बाद में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी हैं।
कार्रवाई करने वाली टीम में निरीक्षक चौहान के अलावा निरीक्षक पीके चतुर्वेदी, आराधना डेविस सहित अन्य स्टॉफ शामिल था। यहां बता दें कि जिले के इतिहास में रिश्वत के रूप में इतनी बड़ी रकम लेने की यह पहली कार्रवाई है। लोकायुक्त ग्वालियर निरीक्षक कविन्द्र सिंह चौहान ने बताया किनगर परिषद पिछोर अध्यक्ष पुत्र ने सीएमओ के खिलाफ रिकॉर्डिग के साथ 10 जुलाई को शिकायत की थी। इसी पर से गुरूवार को सीएमओ को एक लाख 17 हजार रूपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया हैं। आगे की कार्रवाई की जा रही हैं।