नवल ने बताया कि मैं जब राशन लेकर वापस घर आया तो पत्नी बेटी को आवाज लगा रही थी, लेकिन जब घर में बेटी नजर नहीं आई तो फिर गांव में ढूंढने के लिए गई, लेकिन इधर-उधर ढूंढने के बाद भी जब बेटी नहीं मिली तो नवल की पत्नी वापस घर आ गई। इसी बीच उसकी नजर बोरी के बीच फंसी बेटी की फ्रॉक पर गई, तो उसने सोचा कि फ्रॉक दबी है, लेकिन जब उसे खींचा तो बेटी की लाश निकली। पति-पत्नी अपनी इकलौती बेटी को गोद में लेकर दहाड़ मार-मार कर रोने लगे। क्योंकि उनके घर की रौनक बिटिया वंदना उनकी गोद में मृत पड़ी थी।
आगरा-धौलपुर से मजदूरी करके लौटने के बाद हम अपने छोटे से परिवार के साथ जोर-शोर से होली मनाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन हमें क्या पता था कि हमारी बिटिया हमसे इतनी दूर चली जाएगी। हमारा तो सब कुछ लुट गया, अब मैं अपनी पत्नी को भी नहीं समझा पा रहा, क्योंकि उसकी हालत बहुत खराब है।