जलवायु परिवर्तन: रहेंगे हम सजग तो बचेगा जीवन। कैसे जानिए
मौसम पूर्वानुमान एजेंसियों की भूमिका अहमशिमला. डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के पर्यावरण विज्ञान विभाग के छात्रों और शिक्षकों ने शनिवार को विश्व मौसम विज्ञान दिवस मनाया। यह कार्यक्रम मौसम विज्ञान पर चर्चा करने और मौसम, जल विज्ञान और पर्यावरण डेटा को इकट्ठा, प्रसारित और विश्लेषण करने, और जीवन को आरामदायक बनाने के लिए मौसम की भविष्यवाणी को संभव बनाने में शामिल लोगों की सराहना करने का एक दिवस में मनाया गया।
जलवायु परिवर्तन: रहेंगे हम सजग तो बचेगा जीवन। कैसे जानिए
जीवन की हर गतिविधि को प्रभावित करते हैं मौसम
पर्यावरण विज्ञान विभाग के एचओडी डॉ. एस.के. भारद्वाज ने बताया कि जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए वास्तविक खतरा जिसके प्रभाव दिखाई दे रहे हैं और हमें तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है। डॉ. भारद्वाज ने कहा कि जलवायु और मौसम हमारे जीवन की हर गतिविधि को प्रभावित करते हैं। इसलिए विशेषज्ञों द्वारा जारी की गई प्रारंभिक चेतावनियां जीवन बचाने में मदद करती हैं।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई जरूरी
उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्य 13 हमें जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध करता है। इस लक्ष्य में प्रगति अन्य सभी सतत विकास लक्ष्यों में प्रगति सुनिश्चित करती है। इसलिए इस दिवस की इस वर्ष की थीम को विशेषज्ञों की सेवाओं का लाभ उठाकर जलवायु परिवर्तन पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए दुनिया के लिए एक चेतावनी के रूप में चुना गया था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन का कार्य जलवायु कार्रवाई के लिए अपरिहार्य है। इस संगठन की स्थापना 1873 में हुई थी।
सटीक भविष्यवाणी: संसाधनों और बहुमूल्य जीवन बचाने में मददगार
इस अवसर पर वानिकी महाविद्यालय के डीन डॉ. चमन लाल ठाकुर मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने आपदाओं को रोकने के लिए मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए विश्व मौसम विज्ञान संगठन और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के काम की सराहना की। उन्होंने बताया कि सटीक भविष्यवाणी संसाधनों और बहुमूल्य जीवन को बचाने में मदद करती है। उन्होंने पर्यावरण विज्ञान विभाग के काम की भी सराहना की, जो राज्य के छह जिलों के लिए मौसम पूर्वानुमान से कृषि-सलाहकार बनाने का कार्य कर रहा है।
कृषि-सलाह के महत्व पर डाला प्रकाश
डॉ. ठाकुर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विश्व मौसम विज्ञान संगठन और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग चुनौतियों से उबरने और भविष्य के लिए एक सुरक्षित विश्व के साझा दृष्टिकोण को हासिल करने में मदद करने के लिए जलवायु कार्रवाई में अग्रणी कार्य करते रहेंगे। डॉ. एमएस जांगड़ा ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषक समुदाय के लिए मौसम पूर्वानुमान और कृषि-सलाह के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि ने विजेताओं समृति दत्ता, विपाशा शर्मा और जसवन्त को पुरस्कार दिए।
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