यात्रा में सारंगपुर से हेलिकॉप्टर से बेरछा के तिलावद गोविंद के पास खेत में मुख्यमंत्री को तय कार्यक्रम के अनुसार दोपहर करीब 1 बजे पहुंचना था, लेकिन वे 3 घंटे की देरी से शाम 4 बजे पहुंचे। मुख्यमंत्री ने मंच से आमसभा को संबोधित करते हुए जंगल में मंगल करने की बात कहते हुए कहा कि जिस किसान के खेत में दौड़ लगाकर लोग मुझ तक मिलने पहुंचे थे उसकी फसल का नुकसान हुआ हो तो उसे दिखवा लेना। मुख्यमंत्री के देरी से पहुंचने के कारण यहां पहुंचे महिला, पुरुष और बच्चों को गर्मी में परेशान होना पड़ा। पानी की व्यवस्था के लिए भी लोग यहां-वहां भटकते रहे।
मेरी मदद करो मामाजी, मैं बहुत परेशान हूं
मुख्यमंत्री की सभास्थल पर बेरछा के गंभीर बीमारी से पीडि़त दिव्यांग गोविंद को परिजन हाथ में उठाकर लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री से गोविंद ने कहा मेरी मदद करो मामाजी मैं बहुत परेशान हूं। मेरा इलाज करवा दो। आज तक मुझे मदद नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने उसके सिर पर हाथ रखकर कहा कि मैं तुम्हारी मदद करूंगा। इसके अतिरिक्त सैकड़ों लोगों ने परेशानियों से संबंधित आवेदन मुख्यमंत्री को सौंपे। मुख्यमंत्री ने कहा जो काम अभी हो जाएंगे उन्हें पूरा कर देंगे, लेकिन कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें चुनाव के बाद किया जाएगा। समय लगेगा। करीब सवा घंटा रुकने के बाद शाम 5.15 बजे मुख्यमंत्री रथ पर सवार होकर लोगों का अभिवादन करते हुए रंथभंवर की ओर रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री के ग्राम तिलावद गोविंद के पास पहुंचने की सूचना मिलने के बाद कांग्रेसी दोपहिया वाहनों पर सवार होकर मुख्यमंत्री का विरोध करने के लिए दोपहर करीब ढाई बजे शहर से निकले। दुपाड़ा रोड पर सांपखेड़ा के समीप बैरिकेड्स लगाकर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। पुलिस ने कांग्रेसियों को यहां से आगे नहीं जाने दिया। ऐसे में कांग्रेसी आगे बढऩे के लिए मशक्कत करते हुए नारेबाजी करने लगे। कांग्रेसियों ने यहां पर काले झंडे भी लहराए। सभी कांग्रेसियों को पुलिस वाहन में भरकर कोतवाली भेज दिया।