80 फीसदी से ज्यादा कुपोषित बच्चे
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो अधिकांश बच्चे आदिवासी परिवार के मिले हैं। जिसमें डायरिया, अतिकुपोषण और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मिले हैं। कई आदिवासी बच्चे ऐसे भी मिले हैं, जिन्हे जन्मजात विकृतियां हैं। हालांकि हेल्थ टीम ने चिहिंत करते हुए ऐसे बच्चों को तत्काल भर्ती कराया है।
कठौतिया में हेल्थ चेकअप, 300 मरीजों की जांच
कठौतिया में शुक्रवार को ग्राम सभा का आयोजित की गई। सीएमएचओ डॉ राजेश पाण्डेय द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर 300 मरीजों का हेल्थ चेकअप करोया। यहां मरीजो को दवाईयॉ दी गई एवं दस्तक अभियान के बार में बताया। ग्राम सभा में डीईओ डॉ अंशुमान सोनारे, बीएमओ डॉ एसडी कंवर मौजूद थे। यहां महिलाओं के अलावा बुजुर्गो को बच्चों को न दागने की सलाह दी।
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पत्रिका व्यू : अब तक कहां था मैदानी अमला
पिछले 40 दिन के भीतर 35 सौ से ज्यादा बच्चे गंभीर बीमारियों की चपेट में मिले हैं। आदिवासी अंचलों से मैदानी अमले की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। विडंबना की बात तो यह है कि जब हेल्थ टीम पहुंची तो 35 सौ से ज्यादा बच्चे गंभीर बीमारियों की चपेट में मिले। स्वास्थ्य विभाग के बड़े अफसरों की अनदेखी और मैदानी अमले की लापरवाही से पहले भी कई बच्चों की दगना और कुपोषण से मौत भी हो चुकी है।
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डायरिया और कुपोषण का दंश
डायरिया -3420
ब्लड ट्रासमिशन -18
अतिकुपोषित बच्चे -62
जन्मजात विकृतियां -17
सेप्सिस -76
गांवों में सर्वे – 925
बच्चों की जांच – 90 हजार