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सीहोर

स्वाइन फ्लू के मरीज मिलने से हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग, सर्वे करने में जुटे

स्वास्थ्य विभाग ने एएनएम को भी सर्वे करने में लगाया, कर रहे मॉनीटरिंग

सीहोरFeb 20, 2019 / 09:06 am

वीरेंद्र शिल्पी

NEWS

Sehore. Swine flu patient admitted to the district hospital.

सीहोर. खतरनाक बीमारी स्वाइन फ्लू ने वापस जिले में दस्तक दे दी है। चार मरीजों की पॉजीटिव रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया है। अब वह जिन जगहों से यह मरीज मिले हैं वहां पहुंचकर सर्वे करने में जुटा है। मरीज के परिजन के साथ आसपास के लोगों की जांच कर उनको उचित सलाह दी जा रही है।
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य अमले ने 13 संदिग्ध स्वाइन फ्लू मरीजों के सैंपल लेकर उनको जांच के लिए भेजा था। इसमें एक बडिय़ाखेड़ी, एक कोतवाली, एक कस्बा सीहोर और एक मगसपुर निवासी मरीज का सैंपल पॉजीटिव निकला हैं। उसके बाद से ही स्वास्थ्य महकमा मरीजों के निवास करने वाले स्थानों पर जाकर मॉनीटरिंग करने में जुटा है। इसमें जिला स्तर के साथ ही स्थानीय एएनएम को भी सर्वे में लगाया गया है। टीम गांवों में पहुंचकर मरीज और उनके परिजन से जानकारी लेने के साथ ही उनका हाल जान रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्वाइन फ्लू को लेकर चेतावनी जारी की है। इसमें बताया कि मौसम में बदलाव के चलते इन्फ्लूएन्जा एच1 एन1 के फैलने की संभावना रहती है। इसलिए सभी को इससे सुरक्षित रहना चाहिए। इसके लक्षण दिखने पर मरीज को डॉक्टर से जांच कराकर उचित सलाह लेने का भी कहा है। यदि किसी व्यक्ति को सामान्य सर्दी-जुकाम की तकलीफ हो तब भी उसका इलाज कराने का कहा है। तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ , छाती में दर्द, नाखून नीले पडऩा आदि लक्षण होने पर डॉक्टर को दिखाए।
-जांच कर रहे हैं:
-स्वाइन फ्लू के मरीज पॉजीटिव मिलने से सर्वे किया जा रहा है। अभी नए मरीज सामने नहीं आए हैं, फिर भी हमारी तरफ से पूरी सावधानी बरतकर लोगों को बीमारी से बचने की सलाह दी जा रही है। -डॉ. आरके वर्मा, स्वाइन फ्लू इंचार्ज सीहोर
छह साल की बालिका के हृदय में मिला छेद, माता-पिता ने छोड़ी उम्मीद ऑपरेशन हुआ तो वापस लौटी खुशियां

आर्थिक तंगी से जूझ रहे माता-पिता पर एक मुसीबत बेटी के हृदय में छेद होने के बाद उसके इलाज कराने की आ गई। अस्पताल लेकर पहुंचे तो एक लाख रुपए का खर्चा बता दिया, जिससे वापस लौट आए। अपनी ही आंखों के सामने जब बेटी की तबियत खराब होने लगी तो बचने की आस छोड़ दी थी। इसी दौरान आरबीएसके उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर आया। बेटी का सरकारी खर्च से ऑपरेशन कराकर उसे नया जीवनदान दिया।
जिले के आष्टा ब्लॉक के गांव मेहतवाड़ा निवासी गजेन्द्र कुमार की 6 वर्षीय बालिका संध्या बीमार रहने के साथ खेलकूद नहीं सकती थी और उदास रहती थी। परिजन नेे इंदौर के अस्पताल में जांच कराई तो हद्रय में छेद मिला। उसका ऑपरेशन करने अस्पताल में एक लाख रुपए का खर्चा बताया तो परिजन लौट आए थे। इसी बीच पता चला कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत संध्या का निशुल्क और सफ ल इलाज हो सकता है तो उम्मीद की किरण जागी।
उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी और आरबीएसके के समन्यक दीनू शर्मा से चर्चा कर जरूरी दस्तावेज तैयार किए। यह फार्मेल्टी पूरी होने के बाद बच्ची का ऑपरेशन बैंगलुरू के नारायणा अस्पताल में कराया गया यह सफल रहा। ऑपरेशन में लगे 94 हजार रुपए का भुगतान शासन स्तर से किया गया। अब संध्या की हालत ठीक है।

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