2016 में प्लोस वन (PLOS One) नामक एक मैगजीन में एक अध्ययन छपा था जिसमें कोल्ड शावर के स्वास्थ्य पर प्रभाव को विस्तार से बताया गया है. अध्ययन में पाया गया कि 90 दिनों के दौरान रोजाना ठंडे पानी से नहाने की आदत से इस अध्ययन में शामिल 29 फ़ीसदी लोगों की बीमारी में कमी देखने को मिली थी। इनकी तुलना ऐसे लोगों से की गई जो रोज गरम पानी से नहा रहे थे।
हालांकि अध्ययन के दौरान ये देखा गया कि सामान्य व्यक्तियों को ही इसमें शामिल किया गया। बूढ़ों, बच्चों, बीमारों और प्रेग्नेंट औरतों को इस अध्ययन से दूर रखा गया। अध्ययन के बाद देखा गया कि गरम पानी की तुलना में ठंडे पानी से नहाने वाले लोगों लोगों में अतिरिक्त ताकत और उत्साह देखा गया। ऐसे लोगों को इम्यून सिस्टम भी बेहतर दिखा और ये तनावमुक्त दिखे।
शोध करने वाली टीम ने कहा कि ठंडे पानी के शावर के बाद नहाने वालों के दिमाग पर अचानक एक झटका सा लगता है, जो एक एंटीडिप्रसेंट प्रभाव हो सकता है। ठंडे पानी से नहाने पर शरीर के नुकसानदायक रसायन और हार्मोंन शरीरे से बाहर निकल जाते है जिससे व्यक्ति को तनाव महसूस होता है। 90 दिनों तक किए गए इस अध्ययन में देखा गया कि ठंडे पानी से नहाने वाले लोग गरम पानी से नहाने वाले लोगों की तुलना में २९ फीसदी कम बीमार हुए।