आपको याद दिला दें कि नारायण त्रिपाठी मध्य प्रदेश की मैहर सीट से विधायक थे। 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट न मिलने पर नाराज होकर उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी एक अलग ‘विंध्य जनता पार्टी’ बनाकर क्षेत्र की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। हालांकि, विधानसबा चुनाव के नतीजे जब सामने आए तो पता चला कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार तो छोड़िए वो खुद भी अपने गढ़ वाली सीट से चुनाव हार गए। खैर अब वो बसपा में शामिल होने जा रहे हैं। इसके बाद अब उनके सतना संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतरने की चर्चाएं चल रही हैं।
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नारायण त्रिपाठी ने 2003 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायकी का सफर शुरू किया था। फिर कांग्रेस में चले गए और कांग्रेस के टिकट पर दूसरी बार विधायक चुने गए। लेकिन, कांग्रेस से इस्तीफा देकर 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए और उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर फिर विधायक चुने गए। 2018 का विधानसभा चुनाव भी नारायण ने बीजेपी के टिकट पर जीता था, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें अपने गढ़ वाली सीट पर हार का सामना करना पड़ा था।
मैहर के पूर्व विधायक और ‘विंध्य जनता पार्टी’ के संस्थापक नारायण त्रिपाठी लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरेंगे। सतना सीट से वो बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनकी बसपा प्रमुख मायावती से बात हो चुकी है। टिकट पक्का हो गया है। बताते चलें कि नारायण त्रिपाठी ने विधानसभा चुनाव 2023 से पहले भाजपा से नाराज होकर ‘विंध्य जनता पार्टी’ (VJP) नाम से खुद की एक पार्टी बना ली थी। यही नहीं उन्होंने विंध्य क्षेत्र की 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। वो खुद भी मैहर विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे थे। लेकिन, उन्हें और उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को 2023 के विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था।
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नारायण ने कहा कि हमने लोकसभा के रण में उतरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। बता दें कि सतना लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने ओबीसी चेहरों को उम्मीदवारी सौंपी है। ऐसे में उम्मीद थी कि सोशल इंजीनियरिंग में माहिर बसपा किसी सामान्य वर्ग के उम्मीदवार पर यहां से दांव लगा सकती है। आखिरकार बसपा को एक ब्राह्मण नेता के रूप में नारायण त्रिपाठी मिल गए हैं।